नई दिल्ली, भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल आज वीरप्पा मोइली की अध्यक्षता वाली संसदीय समिति के सामने पेश हुए। समिति के सामने उन्होंने कहा कि हम बैंकिंग प्रणाली को मजबूत करने के लिए कई कदम उठा रहे हैं। एनपीए संकट से निकलने की हर संभव कोशिश की जा रही है।
पीएनबी घोटाले के बारे में सवाल
समिति ने उर्जित पटेल से नीरव मोदी-पंजाब नेशनल बैंक धोखाधड़ी, बैंकों के बढ़ते बैड लोन और नोटबंदी के बाद बैंकों में वापस आए नोटों के आंकड़ों सहित कई मुद्दों पर सवाल पूछे हैं। समिति ने पूछा कि हीरा कारोबारी नीरव मोदी और मेहुल चोकसी द्वारा किए गए करोड़ों के घोटाले के बारे में कई वर्षों तक क्यों पता नहीं चल पाया। साथ ही समिति ने बैंकों में बढ़ते एनपीए पर भी चर्चा की। कांग्रेस नेता वीरप्पा मोइली की अध्यक्षता वाली इस समिति में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी सदस्य हैं। समिति के कुछ सदस्यों ने पटेल से जानना चाहा कि एटीएम मशीनों हाल में पैसा की कमी क्यों आ गई थी। पटेल ने समिति को सूचित किया कि दिवाला एवं ऋण शोधन अक्षमता कानून को लागू किए जाने के बाद एनपीए के मामले में हालात सुधरे हैं।
नोटबंदी के बाद बनाई गई संसदीय समिति
बता दें कि 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी की घोषणा की थी। उन्होंने 500 और 1000 रुपए के पुराने नोट बंद किए जाने की घोषणा की थी। नोटबंदी के बाद ही यह संसदीय समिति बनाई गई थी। यह पहली बार नहीं है, जब उर्जित पटेल संसदीय समिति के सामने पेश होंगे। इससे पहले भी उन्हें कई बार समिति के तीखे सवालों का सामना करना पड़ा है।