हेल्थ डेस्क: रमजान के पवित्र महीने में मुस्लिम समाज के लोग 30 दिन तक रोजे रखते हैं। इस दौरान रोजा रखने वालों को इस महीने में खान-पान पर विशेष ध्यान देने की सलाह दी जाती है। रोजे के समय दिन में कुछ भी नहीं खाया-पीया जाता है। रोजे में इफ्तार और सहरी के बीच के समय में ही खान-पान किया जाता है।
रोजे के दौरान तली हुई चीजों को खाने से बचने की सलाह दी जाती है। सहरी के समय अंडा, आटे की रोटी या परांठा, ताजे फल आदि खाने से सेहत ठीक रहती है। ध्यान रहे सहरी के समय ज्यादा कॉफी या सोडा नहीं पीना चाहिए। साथ ही सहरी में बिरयानी, कबाब, पिज्जा, और फास्ट फूड्स नहीं खाने चाहिए। ये आपकी सेहत पर बुरा असर डाल सकते हैं।
रोजे में इफ्तार के दौरान खजूर खाना चाहिए। खजूर सेहत के लिए फायदेमंद होता है। खजूर में आयरन होता है, जिससे शरीर को ऊर्जा मिलती है। इफ्तार के समय तला हुआ खाना शरीर के लिए हानिकारक होता है। इफ्तार में तला हुआ खाना खाने से बचना चाहिए।
अगर रमजान के वक्त अपच की समस्या आती है तो इसे पचाने के लिए फाइबरयुक्त चीजें खानी चाहिए। इफ्तार के समय खाने खाते समय कम से कम पानी पीना चाहिए, क्योंकि ज्यादा पानी पीने खाना पचता नहीं है। जो शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है। रमजान के महीने में ज्यादा से ज्यादा प्रोटीन खाना चाहिए। अधिक मात्रा में प्रोटीन खाने से कम भूख लगती है।
जिन लोगों को दिल की बीमारी और मधुमेह की बीमारी है उन लोगों को कबाब, बिरयानी और चिकन खाने से बचना चाहिए। इफ्तार से लेकर सेहरी तक खाना खाने के समय हाथ अच्छे से धो लेने चाहिए, क्योंकि भूख रहने पर शरीर में कमजोरी आ जाती है और कीटाणु जल्दी हमला करते हैं।
धूप में कतई बाहर न निकलें रोजेदार
गर्मी के दिन डिहाइड्रेशन का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में रोजेदार धूप में बाहर न निकलें। ब्लडप्रेशर या सुगर हो तो उन्हें रोजा नहीं रखना चाहिए क्योंकि उस दशा में सुगर अनकंट्रोल हो सकता है। अगर किसी परिस्थिति में बाहर निकलने की नौबत आए तो तौलिया या गमछा बांधकर निकले। ज्यादा से ज्यादा समय कुलर व एसी में रहने से दिक्कत नहीं आएगी। अगर कोई परेशानी आए तो रोजा तोड़ दें। कमजोर, खून की कमी या गर्भवती महिलाएं तो कतई रोजा न रखें।
रमजान माह का ज्यों-ज्यों एक-एक दिन बीत रहा है। उमस भरी भीषण गर्मी के कारण रोजेदारों को परेशानी हो रही है तो गर्मी से राहत देने के लिए बर्फ, नींबू के साथ तरबूज व खरबूजा की बिक्री बढ़ गई है। दिनभर रोजा रखने के बाद शाम को रोजेदार खजूर खाकर रोजा तोड़ते हैं। इसके बाद प्यास से राहत देने के लिए बर्फ के साथ नीबू पानी और फिर तरबूज व खरबूजा जरूर खाते हैं, क्योंकि इसके खाने से काफी देर तक प्यास से राहत मिलती है।
बाजार में भी जगह-जगह खासकर मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में तरबूज व खरबूजा की दुकानें सज गई हैं। रोज की अपेक्षा बफ की बिक्री पांच से छह गुना बढ़ गई है तो खरबूजा 25 रुपये किलो, सामान्य तरबूज 14 रुपये प्रति किलो और काला तरबूज 30 रुपये प्रति किलो बिक रहा है।