नई दिल्लीः वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने फंसे कर्ज वाले खातों के तेजी से समाधान के लिए संपत्ति पुनर्गठन कंपनी के गठन के बारे में सुझाव देने के लिए एक समिति गठित करने की घोषणा की। समिति दो सप्ताह में अपनी रिपोर्ट देगी। भारतीय स्टेट बैंक के मुख्यालय में पश्चिमी और दक्षिणी क्षेत्र के बैंक प्रमुखों के साथ बैठक के बाद उन्होंने यह घोषणा की।
दो सप्ताह में सिफारिश देगी समिति
गोयल ने कहा कि पीएनबी के गैर-कार्यकारी चेयरमैन सुनील मेहता की अगुवाई वाली समिति दबाव वाले खातों के तेजी से समाधान के लिए संपत्ति पुनर्गठन कंपनी (एआरसी) या संपत्ति प्रबंधन कंपनी (एएमसी) के गठन के बारे में दो सप्ताह में सिफारिश देगी। वित्त मंत्री ने कहा कि समिति इस बात पर विचार करेगी कि क्या ऐसी व्यवस्था बैंक व्यवस्था के लिए बेहतर है। अगर इस प्रकार का सुझाव देने लायक है तो समिति एआरसी या एएमसी के गठन के तौर-तरीकों पर भी विचार करेगी। उन्होंने कहा, ‘‘जब तक समिति सभी बैंकों से चर्चा करती है और अपनी सिफारिशें देती है, हमें तबतक इंतजार करना होगा।’’
इन मुद्दों पर हुई चर्चा
वित्त मंत्रालय के अधिकारियों तथा सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक अधिकारियों ने बैंक क्षेत्र से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। इसमें कर्ज प्रवाह में सुधार, उससे जुड़े जोखिम को कम करना, अर्थव्यवस्था में वृद्धि को मजबूती तथा देश के बैंकों के लिए वैश्विक मानक हासिल करने के तरीके शामिल हैं। गोयल ने कहा कि बैठक के दौरान चर्चा कर्ज प्रवाह तथा ऐसी व्यवस्था बनाने पर रही जिससे यह सुनिश्चित हो कि अच्छे कर्जदारों को कर्ज लेने में कोई कठिनाई नहीं हो। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था को समर्थन देने के लिए जोखिम को कम करने की आवश्यकता है।
खाली पदों को भरा जाएगा
वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि बैंकों में खाली पड़े सभी पदों को अगले 30 दिनों में भरा जाएगा। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में शीर्ष स्तर पर 30 पद खाली हैं। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक बैंकों में कार्यकारी स्तर पर खाली पड़े पदों को अगले तीस दिन में भरने की भरसक कोशिश रहेगी। उन्होंने कहा कि बैठक में कामकाज प्रक्रिया को मजबूत करने तथा फंसे कर्ज (एनपीए) की ईमानदारी से पहचान पर भी चर्चा हुई। गोयल ने कहा कि प्रक्रियाओं को दुरूस्त किया जाएगा और ग्राहकों के हितों की रक्षा की जाएगी।