कानपुर, उत्तर प्रदेश में कानपुर के गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल (जीएसवीएम) कालेज के LLR अस्पताल के ICU में भर्ती 5 मरीजों की मौत से हड़कंप मच गया। बताया जा रहा है कि ICU का AC प्लांट खराब होने के बाद 24 घंटे में 5 मरीजों ने दम तोड़ दिया। ICU का गर्म चैम्बर सन स्ट्रोक के शिकार और गंभीर बीमारी से ग्रस्त मरीजों के लिए काल कोठरी साबित हुआ। मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. नवनीत कुमार ने AC प्लांट खराब होंने की बात स्वीकार की ,लेकिन मरीजों के मरने का कारण उनकी अलग-अलग बीमारियां बताया।
जानकारी के अनुसार मेडिसिन विभाग के इंटेंसिव केयर यूनिट (आइसीयू) के दोनों AC प्लांटों में 5 दिनों से गड़बड़ी थी। सिस्टर इंचार्ज ने इसकी लिखित शिकायत की थी। बुधवार रात AC ने काम करना बंद कर दिया। गर्मी एवं उमस बढ़ने पर ICU की खिड़कियां और दरवाजे खोल दिए गए। मरीजों को राहत देने के लिए तीमारदार हाथ से पंखे झुलाते रहे। बुधवार रात से गुरुवार शाम 5 बजे तक 5 मरीजों की मौत हो गई। इनमें 2 मरीजों की मौत बुधवार रात में ही हुई थी जिन्हें परिवारीजन लेकर चले गए। गुरुवार सुबह हरदोई के संडीला निवासी रसूल बख्श (58) व उन्नाव के एक मरीज ने दम तोड़ दिया। ICU के बेड 12 पर भर्ती आजमगढ़ निवासी मुरारी (56) की शाम 5.20 पर मौत हो गई।
उधर मेडिसिन कॉलेज प्रशासन का कहना है कि ICU में गंभीर मरीज ही आते हैं और इनमें से कइयों को डॉक्टर्स बचा नहीं पाते। इसलिए ये नहीं कहा जाना चाहिए कि AC खराब होने की वजह से मौतें हुई हैं। हालांकि मेडिसिन प्रशासन स्वीकार करता है कि ICU का AC प्लांट खराब है और शुक्रवार सुबह तक इसके ठीक होने की उम्मीद है।मरीजों की लगातार हुई मौतों की खबर पर जब मीडिया ने जिला प्रशासन से सवालों की झड़ी लगाई तो आधी रात के समय जिला प्रशासन के अधिकारी LLR अस्पताल पहुंचे और मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. नवनीत कुमार को भी तलब किया गया। उन्होंने तर्क दिया कि पुर्जों की अनुपलब्धता के कारण इंजीनियरों ने AC शुक्रवार तक ठीक करा पाने की बात कही थी।
अपर जिला मजिस्ट्रेट सतीश पाल ने कहा कि मामले की जांच कराई जाएगी लेकिन उन्होंने स्वीकार किया कि अस्पताल प्रशासन ने वैकल्पिक व्यवस्थाएं करने में कोताही दिखाई। ADM ने स्वीकार किया कि ICU का AC प्लांट का रेस्टोरेशन तुरंत न कराया जाना एक गंभीर लापरवाही। दोषी दंडित होंगे। लेकिन स्थितियों को दुरुस्त करना पहली प्राथमिकता है। अस्पताल में भर्ती अन्य मरीजों और तीमारदारों ने अपनी व्यथा कही है लेकिन मरने वालों का पोस्टमार्टम संभव नहीं क्योंकि सभी के परिवार वाले लाशों का क्रियाकर्म कर चुके हैं। इस मामले में अभी तक किसी पीड़ित ने शिकायत दर्ज नहीं कराई है।