विश्व क्रिकेट के महानतम बल्लेबाजों में शुमार रहे मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर भले ही क्रिकेट से संन्यास ले चुके हैं, लेकिन अब जूनियर तेंदुलकर यानी सचिन के बेटे अर्जुन तेंदुलकर आने वाले दिनों में भारत के लिए खेलते दिख सकते हैं. अठारह वर्षीय अर्जुन बाए हाथ का तेज गेंदबाज हैं और निचले मध्यक्रम में उपयोगी बल्लेबाज भी हैं. उनकी लंबाई भी काफी अच्छी है.
राहुल द्रविड़ को रिपोर्ट करेंगे अर्जुन
भारतीय टीम के खिलाड़ियों की सूची में अब फिर ‘तेंदुलकर’ उपनाम शामिल हो जाएगा क्योंकि सचिन तेंदुलकर के बेटे अर्जुन को श्रीलंका के खिलाफ दो चार दिवसीय मुकाबलों के लिए अंडर-19 टीम में शामिल किया गया है.
दिलचस्प बात यह है कि अब अर्जुन तेंदुलकर पूर्व भारतीय कप्तान और मौजूदा अंडर 19 कोच राहुल द्रविड़ को रिपोर्ट करेंगे, जिन्होंने उनके पिता के साथ टीम इंडिया के लिए कई रिकॉर्ड साझेदारियां निभाई है.
इसलिए हुआ अर्जुन का चयन
रिपोर्ट्स के मुताबिक अंडर 19 टीम चयन के बाद सेलेक्शन कमिटी के एक सूत्र से यह सवाल पूछा गया कि आखिर अर्जुन को अंडर 19 टीम में यह मौका कैसे मिला, जबकि कूच बिहार ट्रॉफी में उनका परफॉर्मेंस कुछ खास नहीं रहा था. इस ट्रॉफी में विकेट लेने वाले गेंदबाजों की सूची में वह 43वें स्थान पर ही थे.
सचिन के बेटे अर्जुन तेंदुलकर भारत की अंडर-19 टीम में हुए शामिल
जवाब में सूत्र ने कहा, ‘अगर आप सूची को देखो तो अर्जुन असली तेज गेंदबाज है, जिन्होंने 15 से ज्यादा विकेट चटकाए हैं. वहीं उनसे ज्यादा विकेट चटकाने वाले ज्यादातर गेंदबाज स्पिनर हैं जिनमें से अजय देव गौड़ (33 विकेट) ही ऐसे गेंदबाज हैं जो असल में आलराउंडर हैं. वह भी मध्यम गति का गेंदबाज है जबकि अर्जुन तेज गेंदबाज हैं.’
सूत्र ने यह भी बताया कि हाल ही में वेस्ट और साउथ जोन के जोनल मैच में अर्जुन तेंदुलकर का परफॉर्मेंस शानदार रहा है और उन्होंने यहां एक मैच में 37 रन देकर 4 विकेट अपने नाम किए, जिनमें से 3 विकेट एक ही स्पेल में लिए थे. यहां अर्जुन ने शानदार परफॉर्मेंस कर चयनकर्ताओं को प्रभावित किया है.
सूत्र ने कहा, ‘बीसीसीआई और कोच राहुल द्रविड़ के स्पष्ट दिशानिर्देश हैं कि जो खिलाड़ी इस साल 19 साल की उम्र को पार कर जाएंगे उन्हें टीम में नहीं चुना जाना चाहिए, भले ही उन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया हो. राहुल के अनुसार इन खिलाड़ियों को रणजी ट्रॉफी मैच खेलने दीजिए. इसलिए काफी लड़के जो अर्जुन से आगे थे, वे डिस्क्वालीफाई हो गए.’