नई दिल्लीः एयरसेल-मैक्सिस मनी लांड्रिंग मामले में पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सामने पेश होने के बाद चिदंबरम आज सीबीआई के सामने पेश हुए। आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में सीबीआई ने चिदंबरम से 4 घंटे तक पूछताछ की। चिदंबरम ने कहा, प्राथमिकी में मेरे खिलाफ कोई आरोप नहीं। चिदंबरम ने कहा, पूछताछ एफआईपीबी की फाइलों पर आधारित थी इसलिए रिकॉर्ड में कुछ जोडऩे की जरूरत नहीं है।
12 जून को फिर ED के सामने पेश होंगे चिदंबरम
सूत्रों के मुताबिक ईडी ने भी पूर्व वित्त मंत्री को दोबारा समन जारी किया है। इस बार ईडी ने चिदंबरम को 12 जून को पेश होने को कहा है। बता दें कि एयरसेल-मैक्सिस मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने मंगलवार को पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम से पहली बार छह घंटे से ज्यादा पूछताछ की गई। साथ ही दिल्ली की एक अदालत ने एयरसेल मैक्सिस मनी लांड्रिंग मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम की गिरफ्तारी पर लगी रोक को 10 जुलाई तक बढ़ा दिया है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मामले में अग्रिम जमानत की मांग वाली चिदंबरम की याचिका पर विस्तृत जवाब दाखिल करने के लिए और अधिक समय मांगा था जिसके बाद विशेष न्यायाधीश न्यायमूर्ति ओ पी सैनी ने यह आदेश जारी किया।
2011 से चल रही है जांच
गौरतलब है कि एयरसेल-मैक्सिस मामले को तत्कालीन वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने 2006 में मंजूरी दी थी। ईडी का कहना है कि चिदंबरम को 600 करोड़ रुपए तक की परियोजनाओं को मंजूरी देने का अधिकार था। इससे ज्यादा के लिए आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति की मंजूरी की जरूरत थी। यह मामला 3,500 करोड़ रुपए के एफडीआई की मंजूरी का था। इसके बावजूद एयरसेल-मैक्सिस एफडीआई मामले में चिदंबरम ने मंजूरी दी। मामले में सीबीआई 2011 और ईडी 2012 से जांच कर रही है।