वैज्ञानिकों ने मंगल ग्रह के रोवर के लिए एक छोटी प्रयोगशाला बनाई है। जो इस लाल ग्रह की भूमि की खुदाई करके यहां पहले या मौजूदा समय के जीवन के चिह्न तलाशने का काम करेगी।
वैज्ञानिकों ने मंगल ग्रह के रोवर के लिए एक छोटी प्रयोगशाला बनाई है जो इस लाल ग्रह की भूमि की खुदाई करके यहां पहले या मौजूदा समय के जीवन के चिह्न तलाशने का काम करेगी। इस छोटी रसायन प्रयोगशाला को मार्स ऑर्गेनिक मोलिक्यूल एनालाइजर कहा जा रहा है और यह एक्सोमार्स रोवर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
यह यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी और रूसी अंतरिक्ष एजेंसी रॉस्कोजमोस का संयुक्त मिशन है। अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा भी इस अभियान में अहम योगदान दे रही है। जुलाई 2020 में मार्स की तरफ प्रक्षेपित की जाएगी। नासा के गोडार्ड स्पेस फ्लाइट सेंटर के प्रोजेक्ट वैज्ञानिक विल ब्रिनकरहोफ ने बताया एक्सोमार्स रोवर की दो मीटर गहरी खुदाई करने वाली ड्रिल एमओएमए को काफी प्राचीन समय से यहां मौजूद हो सकने वाले जटिल कार्बनिक यौगिकों की जानकारी देगी. इससे यह पता लगेगा कि मंगल ग्रह पर जीवन की उत्पत्ति हुई थी या नहीं।
मंगल ग्रह का वातावरण मौजूदा समय में ऐसा नहीं है। यहां जीवन पनपे लेकिन काफी प्राचीन समय में मंगल के मौसम में तरल जल होने के सबूत मिले हैं।