नई दिल्ली: त्रिपुरा मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब अपनी बयानबाजी से बाज नहीं आ रहे हैं। अब उन्होंने उदयपुर में टैगोर की जयंती पर श्रृद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि रवींद्रनाथ टैगोर ने अंग्रेजों का विरोध करते हुए अपना नोबेल पुरस्कार लौटा दिया था। बिप्लब के इस बयान को लेकर उनकी सोशल मीडिया पर खूब निंदा हो रही है तो जमकर मजाक भी उड़ाया जा रहा है। जबकि इतिहास के मुताबिक नोबेल पुरस्कार से सम्मानित कवि, उपन्यासकार, नाटककार, चित्रकार, और दार्शनिक रवींद्रनाथ टैगोर ने जलियावाला बाग हत्याकांड के विरोध में नाइटहुड की उपाधि को तो लौटाया था, लेकिन स्वीडिश अकादमी द्वारा दिए गए नोबल पुरस्कार को नहीं लौटाया था।
सीएम पहले भी दे चुके हैं विवादित बयान
इससे पहले भी बिप्लब कुमार देब ने इंटरनेट को लेकर अजीबोगरीब बयान दिया था। बिप्लब ने दावा किया था कि इंटरनेट आधुनिक खोज नहीं है बल्कि इसका महाभारत काल से ही इस्तेमाल हो रहा है। गुवाहाटी में एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान देब ने कहा था कि भारत युगों से इंटरनेट का इस्तेमाल कर रहा है। देब ने कहा कि महाभारत के दौरान नेत्रहीन धृतराष्ट्र को संजय ने युद्ध मैदान का पूरा हाल सुनाया था और यह बिना इंटरनेट और टेक्नोलॉजी के संभव नहीं है। उन्होंने दावा किया था कि उस समय सेटेलाइट भी मौजूद थे।