17 मार्च शनिवार को मोक्षदायिनी, पुण्यदायिनी शनि अमावस्या पड़ रही है। ये शुभ दिन शनिवार को आने के कारण शनैश्चरी अमावस्या कहलाएगा। शनि हर व्यक्ति के जीवन पर बड़ा प्रभाव डालते हैं। जीवन में तीन बार साढ़ेसाती, दो ढैय्या, 19 साल की महादशा शनि की रहती है। लगभग 31 साल तक शनि का अच्छा-बुरा प्रभाव रहता है। जिन्हें शनि से परेशानी रहती है, उनके लिए हम इस ग्रह की शांति के लिए सामान्य उपाय दे रहे हैं। इन्हें शनि अमावस्या के दिन करने से शीघ्र लाभ मिलता है।
अमावस पर एक किलो उड़द की दाल का आटा, दो किलो गुड़, आधा किलो काले तिल, 100 ग्राम सरसों का तेल लें। आटे को तेल में भून कर गुड़ व तिल मिला दें। शनिदेव के मंदिर में इसका भोग लगा कर वापस ले आएं। रोज इसमें से प्रसाद निकाल कर चींटियों को डालें।
अमावस पर जरूरतमंद को छाता दान दें।
अमावस पर घर, दुकान, आफिस की सफाई करें। मुख्य द्वार पर दीपक जलाएं।
अमावस पर अपना पहना जूता, चप्पल दान करें।
महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें : ओम् त्रयम्बकम् यजामहे, सुगान्धिम् पुष्टि वर्धनम। उर्वारुक मिवबन्धनान्, मृर्त्योमोक्षीय मामुतात्।।
बड़ के पेड़ की जड़ में मीठा दूध डालें।
बांसुरी में खांड भर कर दबाएं।
सवा सौ ग्राम काले चने, कोयला, कील काले कपड़े में बांध कर 7 बार वार कर खड़े पानी में फैंकें।