नई दिल्ली, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी ने त्रिपुरा में चुनाव नतीजे की घोषणा के बाद से ही जारी हिंसा को लेकर मोदी सरकार को घेरा। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से आग्रह किया कि वह माकपा के निर्दोष कार्यकर्ताओं के खिलाफ ज्यादतियों और पार्टी कार्यालयों को नुकसान पहुंचाने वालों के विरुद्ध कार्रवाई के लिए हस्तक्षेप करें। येचुरी राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में हिंसा की स्थिति का जायजा लेने के लिए शुक्रवार रात यहां पहुंचे। उन्होंने आज पश्चिम त्रिपुरा के जिरानिया और मोहनपुर के कुछ क्षेत्रों का दौरा करके हालात की समीक्षा की।
पीएम ने हिंसा को लेकर नई बोला कोई शब्द
माकपा महासचिव ने आरोप लगाया कि भाजपा और आईपीएफटी के चुनाव में विजयी रहने बाद 200 से अधिक पार्टी कार्यालयों को आग के हवाले किया गया और 3000 से अधिक कार्यकर्ताओं पर हमले किये गये। माकपा के कई नेता धमकी के कारण घर छोड़ कर भागने पर मजबूर हो गये। उन्होंने कहा कि मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह मुख्यमंत्री के शपथ समारोह में शामिल होने आये लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि किसी ने भी चुनाव बाद की हिंसा के बारे में एक शब्द भी नहीं कहा। येचुरी ने कहा कि लोगों ने बेहतर शासन और विकास के लिए भाजपा और आईपीएफटी को वोट दिये हैं लेकिन गत सप्ताह से ही दोनों दलों ने अपना क्रूर चेहरा दिखाना शुरू कर दिया।
त्रिपुरा में भाजपा की बनी सरकार
गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी नीत गठबंधन ने त्रिपुरा में माकपा के 25 साल पुराने किले को ध्वस्त करते हुए नयी सरकार बनायी है। साठ सदस्यीय विधानसभा में भाजपा को 35 और माकपा को 16 सीटें मिली हैं जबकि कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिल पायी है। इस बीच माकपा के प्रदेश सचिव बिजन धर ने आरोप लगाया कि पीएम और केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह, बिप्लब देव के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद जब वापस चले गये तो कल रात विशालगढ़, जिरानिया और अमरपुर में कथित रूप से भाजपा कार्यकर्ताओं और उनके समर्थकों ने माकपा के कई नेताओं और कार्यकर्ताओं पर हमला किया और पार्टी के कार्यालयों को आग के हवाले कर दिया।