नई दिल्ली, राजधानी में सीलिंग का मुद्दा तूल पकड़ता जा रहा है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भूख हड़ताल की चेतावनी के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को चिट्ठी लिखी। सीएम ने इस मुद्दे का समाधान निकालने के लिए दोनों से मिलने का समय मांगा। इसके साथ ही उन्होंने इस मुद्दे पर बिल लाने की भी मांग की है।
Delhi CM @ArvindKejriwal writes to PM @narendramodi asking him to bring a bill in the Parliament to put an end to sealing drive in Delhi.
CM has also requested for a meeting with the PM to discuss this 'very serious' issue. pic.twitter.com/hll9KdeTfc
— AAP (@AamAadmiParty) March 10, 2018
पीएम और राहुल को लिखे इस पत्र को केजरीवाल के ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट पर भी शेयर किया गया। पीएम को भेजे खत में सीएम ने लिखा कि दिल्ली में आजकल व्यापारियों की दुकानें सील की जा रही हैं। ये वो व्यापारी हैं जो ईमानदारी के साथ 24 घंटे मेहनत करके अपना व्यापार चलाते हैं और सरकार को टैक्स देते हैं। बेईमान नहीं है और देश के विकास में अपना सहयोग देते हैं। केजरीवाल ने लिखा कि सीलिंग कानून में कुछ कमियां हैं और इन्हें दूर करना केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है। उन्होंने मांग की कि तुरंत संसद में सीलिंग मामले में बिल लाया जाए और इस कानून में मौजूद कमियों को दूर किया जाए क्योंकि इसका खामियाजा व्यापारियों को भुगतना पड़ रहा है।
Delhi CM @ArvindKejriwal writes to @INCIndia President @OfficeOfRG requesting him to raise voice against MCD Sealing matter within Parliament.#AAPagainstMCDSealing pic.twitter.com/I7Xuy4IxXn
— AAP (@AamAadmiParty) March 10, 2018
पत्र में केजरीवाल ने लिखा कि सीलिंग के कारण कई व्यापारी भूखमरी की कगार पर आ गए हैं। इस कार्रवाई से बड़ी संख्या में व्यापारी बेरोजगार हो जाएंगे, इससे राज्य की कानून व्यवस्था पर भी बुरा प्रभाव पड़ेगा। इसके साथ ही उन्होंने सीलिंग की कार्रवाई रोकने की मांग करते हुए पीएम से मिलने का समय भी मांगा। वहीं राहुल को लिखे पत्र में मुख्यमंत्री ने सीलिंग के मुद्दे को संसद में जोर-शोर से उठाने की मांग की ताकि केंद्र सरकार को इस पर बिल लाने व उसे पारित करने के लिए बाध्य किया जा सके। उन्होंने लिखा कि वे इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष से मिलना भी चाहते हैं। बता दें कि केजरीवाल ने शुक्रवार को चेतावनी दी थी कि यदि 31 मार्च तक कोई समाधान नहीं होता है तो वह भूख हड़ताल पर जाएंगे।