नई दिल्लीः पंजाब नेशनल बैंक में हुए 11400 करोड़ रुपए के महाघोटाले में नए-नए खुलासे होने की खबरें अभी खत्म होने का नाम नहीं ले रहीं हैं कि इसी बीच आयकर विभाग ने 3200 करोड़ रुपए के टीडीएस घोटाले का खुलासा किया है। इस मामले में 447 कंपनियों ने अपने कर्मचारियों की सैलरी से टैक्स की रकम तो काटी ली, लेकिन उसे आयकर विभाग में जमा करने की बजाए अपने कारोबार को बढ़ाने में लगा दिया।
मुकदमा दर्ज और वारंट किए जारी
आयकर विभाग के टीडीएस विंग ने इन कंपनियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है, साथ ही कुछ मामलों में वारंट भी जारी किए गए है। बता दें कि कर्मचारियों के वेतन से टीडीएस काटकर उसे जमा नहीं करने पर आयकर अधिनियम के तहत, तीन महीने के सश्रम कारावास की सजा, जबकि अधिकतम सात साल की सजा का प्रावधान है। ऐसे मामलों में अभियोजन की धारा 276 बी के तहत कार्रवाई शुरू की जाती है।
क्या है TDS का नियम
कंपनियां अपने कर्मचारियों का टैक्स काटकर केंद्र सरकार को जमा करती हैं। आईटी रिटर्न भरते समय कर्मचारियों को इसकी चिंता नहीं करनी होती है क्योंकि कंपनियां इस टैक्स को काट लेती हैं। महीना खत्म होने के 7 दिन के भीतर टैक्स रिमिट करना होता है। पेमेंट को तिमाही तौर पर जमा कराया जा सकता है। कंपनियां यह पैसा ई पेमेंट या बैंक ब्रांच में जमा करवा सकती हैं।