एक न्यूज रिपोर्ट के अनुसार, कुछ मुस्लिम महिलाएं तलाक के बाद अपनी शादी बचाने के लिए मोटी रकम देकर ‘हलाला’ विवाह करती हैं। कुछ मुस्लिमों के द्वारा माने जाने वाले ‘हलाला’ परंपरा में तलाक के बाद महिला अगर पहले पति के पास जाना चाहती है, तो उसे किसी दूसरे पुरुष से शादी करनी पड़ती है और फिर उसे तलाक देना होता है।
हालांकि, काफी मुस्लिम “हलाला” को गलत मानते हैं। लंदन के इस्लामिक शरिया काउंसिल भी इस परंपरा का कड़ा विरोध करती है।
रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि ऑनलाइन एजेंसी सर्विस देने के लिए महिलाओं से 2 लाख रुपए तक चार्ज करते हैं। ऐसी ही एक सर्विस देने वाले शख्स ने यह भी बताया कि एक बार हलाला होने के बाद एक पुरुष महिला को तलाक देने से इनकार करने लगा। कई बार हलाला के तहत महिलाओं को कई मर्दों के साथ भी सोना पड़ता है। उनका यौन शोषण भी होता है।
लंदन के इस्लामिक शरिया काउंसिल की खोला हसन कहती हैं कि हलाला पाखंड है। यह सिर्फ पैसा बनाने के लिए किया जाता है। खोला हसन यह भी कहती हैं कि महिलाओं को इससे बचाने के लिए काउंसिलिंग मुहैया कराई जानी चाहिए।