माले: मालदीव में राजनीतिक संकट के बीच देश के राष्ट्रपति पद के लिए सितंबर में चुनाव होंगे। चुनाव आयोग ने यह घोषणा की। मौजूदा राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन ने इस घोषणा का स्वागत किया है। देश में आपातकाल लागू करने की वजह से वह स्व-निर्वासित पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद सहित समूचे विपक्ष के निशाने पर हैं।
गुरुवार को जारी किए गए एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, आयोग ने सितंबर में चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी है। हालांकि, बयान में मतदान की तारीख का जिक्र नहीं है। बयान के मुताबिक, आयोग ने चुनाव से पहले के जरूरी आंकड़ों और सूचनाओं को इक_ा करने के लिए संबंधित अधिकारियों से संवाद की प्रक्रिया शुरू कर दी है। आयोग एक आधिकारिक बयान बाद में जारी करेगा।
यदि जरूरत पड़ी तो मतदान की तारीख के 21 दिनों के भीतर दूसरे दौर का चुनाव होगा। राष्ट्रपति कार्यालय ने एक बयान में कहा कि वह घोषणा का स्वागत करता है। उसने सभी संबंधित पक्षों से अपील की कि वे चुनाव आयोग को अपना काम करने के लिए पूरा समर्थन दें। बयान में कहा गया, ‘स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं विश्वसनीय चुनाव हमारे लोकतंत्र की आधारशिला हैं और हमारे देश की वृद्धि, स्थिरता एवं समृद्धि की निरंतरता के लिए यह जरूरी है।’
राष्ट्रपति कार्यालय ने कहा, ‘मालदीव सरकार चुनावी प्रक्रिया के पर्यवेक्षण के लिए सभी अंतरराष्ट्रीय पक्षों को आमंत्रित करती है और उनसे अपील करती है कि वे मालदीव में सामान्य स्थिति लाने के लिए अपना समर्थन दें।’ सरकार ने सभी राजनीतिक पार्टियों और नेताओं से अनुशंसा की कि वे सरकार गिराने और देश को अस्थिर करने की लड़ाई में शामिल होने की बजाय आगामी चुनावों को स्वतंत्र एवं निष्पक्ष तरीके से संचालित करने की दिशा में काम करें। मालदीव की संसद ने इस हफ्ते की शुरुआत में देश में आपातकाल की अवधि 30 दिन और बढ़ाने की राष्ट्रपति यामीन की सिफारिश मंजूर कर ली थी। अब देश में आपातकाल 22 मार्च तक प्रभावी रहेगा।