कोच्चि: जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में शुक्रवार को चेन्नयन एफसी और मेजबान केरला ब्लास्टर्स के बीच खेले गए हीरो इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) के चौथे सीजन के 17वें दौर के मुकाबले को गंवाए गए मौकों का मैच कहा जाए तो गलत नहीं होगा। इन दोनों टीमों को आगे का सफर तय करने के लिए जीत की जरूरत थी, लेकिन इन दोनों ने अंक बांटा और इस तरह दोनों की सम्भावनाओं पर लगा प्रश्नचिन्ह खत्म नहीं हुआ। गोलरहित बराबरी के इस मुकाबले से सबसे अधिक निराशा चेन्नई को हुई होगी, जो यह मैच जीतकर सीधे सेमीफाइनल में पहुंच सकती थी, लेकिन ड्रा के कारण अब उसे अपने अंतिम दौर के मुकाबले तक इंतजार करना होगा। हालांकि अगला मैच ड्रा खेलकर 2015 की यह चैम्पियन टीम अंतिम-4 में स्थान पक्का कर सकती है।
दूसरी ओर, मेजबान टीम को आगे का सफर जारी रखने के लिए इस मैच के साथ-साथ आगे का मैच भी जीतना था लेकिन ड्रा ने उसका काम खराब कर दिया है और अब उसका आगे जाना लगभग नामुमकिन हो गया है। केरल 25 अंकों के साथ पांचवें स्थान पर ही हुआ है जबकि चेन्नई 29 अंकों के साथ तीसरे पर ही कायम है। एफसी पुणे सिटी के भी 29 अंक हैं लेकिन गोल अंतर में वह बेहतर स्थिति में है।
इस मैच में दोनों टीमों के हिस्से कई असाधारण मौके आए, लेकिन दोनों उन्हें भुना नहीं सकीं। केरला को तो एक पेनाल्टी भी मिला लेकिन करेज पेकुसन बेहतरीन फार्म में होने के बाद भी करनजीत सिंह को छका नहीं सके। करनजीत ने जहां चेन्नई को गोल खाने से बचाया वहीं केरल के गोलकीपर पाल राच्बुका ने भी कई बेहतरीन सेव किए और अपनी टीम को गोल खाने से रोका।
मैच का पहला मौका मेजबान टीम ने चौथे मिनट में बनाया। रेने मिहेलिक ने रफाएल अगस्टो को एक अच्छा पास दिया। रफाएल ने समय लेते हुए अच्छा शाट लगाया लेकिन वह केरला के गोलकीपर पाल राचुब्का को नहीं छका सके।
जवाब में केरला ने 11वें मिनट में एक हमला किया। जैकीचंद सिंह ने एक क्लीयर किए गए गेंद पर बाक्स के बाहर से जोरदार शाट लगाया, लेकिन चेन्नई के गोलकीपर करनजीत सिंह मुस्तैद थे। करनजीत ने दाईं ओर जा रही गेंद को पोस्ट में जाने से बचा लिया।
इसके बाद केरल ने 13वें मिनट में एक और हमला किया। पेकुसन के शाट को करनजीत ने रोक दिया, लेकिन गेंद रीबाउंड होकर सीके विनीत के पास गई। विनीत ने शाट लिया लेकिन उसे नकार दिया गया।
केरला के सबसे बड़े स्टार दिमितार बेबार्तोव ने 22वें मिनट में एक अच्छा मूव बनाते हुए बाक्स के बाहर पहुंचे विनीत को सुंदर पास दिया। विनीत ने पहले काल्डेरान को छकाया और फिर सेरेनो को। इसके बाद विनीत ने एक जोरदार शाट लिया लेकिन गेंद पोस्ट टकराकर बाहर चली गई।
बेबार्तोव यही नहीं रुके, 31वें मिनट में उन्होंने एक और अच्छा प्रयास किया, लेकिन धनपाल गणेश की चतुराई ने चेन्नई को पीछे जाने से बचा लिया। जैकीचंद द्वारा बाएं छोर से लिए गए कार्नर पर गेंद डिफलेक्ट होकर बेबार्तोव के पास गई थी।
लगातार कई हमले अपने खिलाफ होने के बाद चेन्नई ने आखिरकार इंजुरी टाइम के पहले मिनट में इस मैच का अब तक का सबसे अच्छा मौका बनाया, लेकिन किस्मत ने उसका साथ नहीं दिया। मिहेलिक ने अपने बाएं तेजी से भाग रहे जेजे लालपेल्खुवा को एक स्क्वायर पास दिया, जिस पर जेजे ने तेज शाट लिया, लेकिन गेंद पोस्ट के बाएं किनारे से बाहर चली गई।
जेजे ने यह स्वर्णिम मौका हाथ से जाते ही सिर पकड़ लिया। इस तरह पहला हाफ गोलरहित बराबरी पर समाप्त हुआ। दूसरे हाफ की शुरुआत काफी नाटकीय रही। 52वें मिनट में जैरी द्वारा केरला के गुडजोन बाल्डविंसन को बाक्स में गिराने के कारण चेन्नई के खिलाफ पेनाल्टी का फैसला सुनाया गया।
करेज पेकुसन ने 53वें मिनट में पेनाल्टी पर गेंद को नीचे से बाएं किनारे से पोस्ट में डालने का प्रयास किया लेकिन करनजीत इस भांप चुके थे और इस तरह केरला के हाथ से गोल करने का एक निश्चित मौका निकल गया।
इसके बाद दोनों टीमों ने कुछ हल्के-फुल्के मौके बनाए लेकिन 76वें मिनट में जैकीचंद सिंह और बाल्डविंसन ने एक खतरनाक मूव मेजबान टीम के लिए बनाया। जैकी के सटीक पास पर बाल्डविंसन ने पावरफुल शाट लिया, लेकिन करनजीत ने बेहतरीन बचाव किया। गेंद रीबाउंड होकर विनीत के पास गई, लेकिन वह त्वरित कार्रवाई नहीं कर सके और इस तरह एक बार फिर उनके हाथ से गोल करने का बेहतरीन मौका निकल गया।
इसके जवाब में चेन्नई ने भी अगले ही पल हमला बोला, लेकिन उसके गोलकीपर राच्बुका ने गाविलान के शाट को डिफलेक्ट कर बाहर कर दिया। 87वें मिनट में केरल के स्टार विनीत को पीला कार्ड मिला। इंजुरी टीइम में राच्बुका ने ग्रेगोरी नेल्सन के प्रयास को रोकते हुए केरल को एक बार फिर गोल खाने से रोका। नेल्सन का यह प्रयास चेन्नई को अंतिम-4 में पहुंचा सकता था, लेकिन शायद यही इस का रोमांच था।