नई दिल्लीः एक भी पैसा देने से इंकार करने से पहले नीरव मोदी जिस पर 11,400 करोड़ रुपए का घोटाला करने का पी.एन.बी. मैनेजमैंट ने आरोप लगाया है, ने कहा था कि वह 50 करोड़ रुपए मासिक भुगतान के लिए तैयार है। पी.एन.बी., आई.टी. तथा ई.डी. को भेजी ई-मेल्स में नीरव ने कहा है कि यदि उसे पहले की तरह अपनी व्यापारिक सरगर्मियां चलाने की इजाजत दी जाती है तो वह उक्त रकम का हर महीने भुगतान करने के लिए तैयार है।/
नीरव ने कहा है कि उसने कोई जुर्म नहीं किया और बैंकिंग नियमों की पालना की है।जब पी.एन.बी. के एम.डी. सुनील मेहता ने नीरव मोदी की पेशकश को बेकार बताया तो वह अपने शब्दों को नापतोल कर बोल रहे थे। नीरव मोदी ने उस समय अपने अंकल मेहुल चोकसी से दूरी बढ़ा ली, जब चोकसी ने कहा कि उसकी देनदारी 5,000 करोड़ रुपए से कम है। पता चला है कि पी.एन.बी. के प्रबंधकों ने केंद्रीय वित्त मंत्रालय को कहा कि नीरव मोदी ने पेशकश की है कि यदि उसे पहले की तरह अपना कारोबार करने की इजाजत दी जाए तो वह सारी रकम किस्तों में वापस करने के लिए तैयार है।
अधिकारियों ने पूछा कि इस पेशकश को मंजूर कर लिया जाए। सरकार ने अधिकारियों को फटकार लगाई और कहा कि वे जो ठीक समझते हैं वह करें। जब बैंक ने नीरव मोदी को ऋण देने से पहले सरकार को नहीं पूछा तो अब मामला हल करने के लिए आज्ञा किस बात की मांगी जा रही है? मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा था कि यह ग्राहक व बैंक का मामला है, सरकार की इसमें कोई भूमिका नहीं है।