बलरामपुरः एक ओर जहां देश के प्रधानमंत्री बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का नारा देते हुए बच्चियों को बढ़ावा देने की सीख देते हैं तो वहीं दूसरी तरफ बेटे की चाह रखने वाले लोग मासूम बच्चियों को मौत के घाट उतार कर इस नारे पर पलीता लगाने से बाज नहीं आ रहे हैं। ताजा मामला बलरामपुर जिले का है। जहां एक कलयुगी बाप ने अपनी एक महीने की बच्ची को बेहरमी से मौत के घाट उतार दिया।
जानिए पूरा मामला
जानकारी के मुताबिक मामला तुलसीपुर थाना क्षेत्र का है। यहां के निवासी राजेश चौहान ने 2014 में संगीता से शादी की थी। वहीं आस पड़ोस के लोगों का कहना है कि दोनों पति पत्नी में अच्छे संबंध नहीं थे। शादी होते ही राजेश और उसके माता-पिता बेटे की रट लगाए रहते थे। मृतक बच्ची की मां ने बताया कि 4 साल बाद मैंने जनवरी में एक बेटी को जन्म दिया।
बच्ची को फेंकना चाहता था पति
वहीं संगीता ने बताया कि ससुरालीजन लगातार बच्ची को फेंकने की बात कहते रहे, लेकिन मैं नहीं मानी। संगीता ने बताया कि मुझे ऐसा लगा कि यह हमारे घर की पहली औलाद है। इसके मासूम चेहरे को देखकर सभी का दिल पिघल जाएगा, लेकिन उनके अंदर कुछ और ही चल रहा था।
घर लौटी तो बच्ची खून से लथपथ मिली
संगीता ने बताया कि मैं सुबह 5 बजे किचन के काम से घर से बाहर गई थी। मैं अपनी बेटी को सास के हाथों सौंप कर गई थी। मैं घर लौटी तो बेटी का मुंह खून से सना था। उसे देखते ही मेरी चीख निकल गई। इन तीनों ने मिलकर मेरी फूल सी बेटी को हमेशा के लिए मौत की नींद सुला दिया। उसका कसूर बस इतना सा था कि वो एक लड़की थी, लड़का नहीं। वहीं संगीता ने बताया कि पति ने धमकी दी है कि मामला यहीं खत्म कर दो। किसी से कहा तो तुम भी नहीं रहोगी।
आरोपियों पर मामला दर्ज
इतना ही नहीं संगीता ने जब इसका विरोध किया तो सास-ससुर ने उसे जमकर पीटा। हद तो तब हो गई जब ससुराल वाले संगीता को भी मारने की कोशिश करने लगे। संगीता बामुश्किल अपनी जान बचा कर वहां से भाग निकली। जिसके बाद पीड़ित संगीता अपने परिजनों को साथ लेकर थाने में पहुंची। यहां उसने पति और सास ससुर के खिलाफ मामला दर्ज कराया है। इस मामले में पुलिस अधीक्षक प्रमोद कुमार ने बताया कि केस दर्ज कर लिया गया है। आरोपियों को जल्द गिरफ्तार कर जेल भेजा जाएगा।