सेक्स क्षमता में अभाव हो जाने के कारण यह ‘जोफबाह’ कहलाता है। जोफबाह के होने पर मनुष्य के दिमाग में संभोग करने की इच्छा पैदा हो जाती है परन्तु उसके लिंग में तनाव की कमी होती है। उसके लिंग में उत्तेजना जब आती है तब वह स्त्री से संभोग बनाने की कोशिश करता है परन्तु स्त्री से संबंध बनाने से पहले ही उसका वीर्य निकल जाता है। इस रोग से पीड़ित लोगों को भी स्त्री के पास जाने से भी घबराहट होने लगती है। उनके हाथ और पैरों में कंपन पैदा होने लगती है। शरीर से अधिक मात्रा में पसीना निकलने लगता है तथा उनके हृदय की धड़कन तेजी से बढ़ने लगती है। इस रोग से बचने के लिए कुछ यूनानी चिकित्सा कर सकते हैं।
चिकित्साः-
गाय का दूधः- 250 ग्राम गाय के दूध में 2 गोली हब्बे अंबर मोमियाई की उबाल लें। दूध ठंडा हो जाने पर इसको पी लें। फिर इसके बाद 40 ग्राम मवीज का इस्तेमाल करें। इनको शाम के समय लेना चाहिए। रोजाना इसका प्रयोग करने से किसी भी वजह से पैदा हुआ जोफबाह का रोग समाप्त हो जाता है।
बबूलः– बबूल का गोद 10 ग्राम, असली मोमियाई 30 ग्राम और मिश्री 40 ग्राम- इन सबको कूटकर गुलाब के अर्क के साथ बारीक पीस लें। इसके सूख जाने पर मटर के दाने के समान छोटी-छोटी बारीक गोलियां बना लें। नियमित रुप से एक गोली माउल अस्ल या माउल्लहम के साथ मिलाकर लेनी चाहिए। इसका रोजाना प्रयोग करने से किसी वजह से पैदा हुआ रोग जोफबाह दूर हो जाता है।
गाजर के बीजः– गाजर के बीज 3 ग्राम, बिसवासा 6 ग्राम, ऊदगर्की 6 ग्राम, लौंग 3 ग्राम, फिटकरी 2 ग्राम और 1 किलो अजवायन- इन सभी को अलग-अलग बारीक कूटकर आपस में मिला लें। फिर आधा किलो शहद में इस चूर्ण को अच्छी तरह से मिलाकर रख लें। एक-एक चम्मच चटनी सुबह और शाम खाकर ऊपर से दूध भी पिएं। इसके रोजाना इस्तेमाल करने से जोफबाह जैसे रोग भी शीघ्र ही समाप्त हो जाते हैं।