पणजी: लड़कियों के शराब पीने से जुड़ी अपनी टिप्पणी के लिए सोशल मीडिया पर आलोचना का सामना कर रहे गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर ने आज दावा किया कि मीडिया ने उनके बयान को तोड़ मरोड़कर पेश किया जबकि उन्होंने केवल ‘‘स्कूल एवं कॉलेज छात्रों’’ को लेकर ही यह बात कही थी। उन्होंने साथ ही अपने मंत्री विजय सरदेसाई की ओर इशारा करते हुए कहा कि नेताओं को बयान देते समय ध्यान रखना चाहिए। गौरतलब है कि सरदेसाई ने गोवा की यात्रा करने वाले घरेलू पर्यटकों के एक वर्ग को ‘‘धरती की गंदगी’’ कह दिया था। हालांकि मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि सरदेसाई मुद्दे पर ध्यान दिलाने को लेकर गलत नहीं थे, हां उन्होंने इसे गलत तरीके से लिया।
पर्रिकर ने लड़कियों के शराब पीने को लेकर पिछले हफ्ते चिंता जताई थी। उन्होंने एक कार्यक्रम में कहा था, ‘‘मुझे अब डर लगने लगा है, क्योंकि लड़कियों ने भी बीयर पीनी शुरू कर दी है। बर्दाश्त करने की सीमा पार की जा रही है।’’ मुख्यमंत्री ने आज कहा, ‘‘अगर कोई जानबूझकर बयान को तोड़ना मरोडऩा चाहता है तो हम कुछ नहीं कर सकते। इसे इस तरह से तोड़ मरोड़कर पेश किया गया कि आखिरकार साक्षात्कार लेने वाले (कार्यक्रम में पर्रिकर का सार्वजनिक साक्षात्कार लेने वाले व्यक्ति) को हस्तक्षेप करना तथा ट्वीट करना पड़ा कि मैंने स्कूल और कॉलेज छात्रों की ओर इशारा किया था।’’
पर्रिकर ने कहा कि उन्होंने ‘‘किसी से यह नहीं कहा कि वह शराब न पिए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैंने कहा था कि यह मेरीचिंता है, डर नहीं। चिंता और डर में अंतर होता है। चिंता हर किसी के लिए स्वभाविक है।’’ मुख्यमंत्री ने सरदेसाई से जुड़े बयान को लेकर कहा, ‘‘उन्हें कड़े शब्दों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए था। मैंने इसके बारे में उनसे बात की। वह जिस तरफ ध्यान दिला रहे थे, उसमें वह गलत नहीं थे। लेकिन उन्होंने इसे गलत तरीके से लिया या ऐसा कहें कि वह इसे सही से बयां नहीं कर पाए।’’