आज 15 फरवरी बृहस्पतिवार को फाल्गुन कृष्ण अमावस्या है। जो 15-16 फरवरी की मध्य रात 2.35 तक रहेगी। इस तिथि को शास्त्रों में बहुत महत्वपूर्ण माना गया है। इस दौरान नदियों में स्नान और दान का बहुत महत्व होता है। कहते हैं इस दिन सभी देवी-देवता गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम पर आते हैं। जो जन इन पवित्र नदियों में स्नान करता है वह दैवीय आशीष का अधिकारी बनता है। अमावस्या पर श्राद्ध, तर्पण, कालसर्प दोष निवारण पूजा और कर्मकांड उत्तम फल प्रदान करते हैं।
इस दिन श्री हरि विष्णु का पूजन शुभ फल प्रदान करता है। उनकी कृपा पाने का उत्तम माध्यम है विष्णु गायत्री मंत्र महामंत्र का जाप। इसके जाप से यश, प्रतिष्ठा व उन्नति में वृद्धि होती है। सभी कार्यों में सफलता मिलती है, दुख व परेशानियों का जीवन में कोई स्थान नहीं रहता। पीले वस्त्र पहन कर सर्वप्रथम धूप व दीप जलाएं, पीले आसन पर बैठें, तुलसी की माला से इस मंत्र का जाप करें-
ऊं नारायणाय विद्महे।
वासुदेवाय धीमहि।
तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।।
भगवान श्री हरि विष्णु को केसरिया भात, खीर अथवा दूध से बने पकवानों का भोग अर्पित करें।
आज रात को साल 2018 का पहला सूर्य ग्रहण भी लग रहा है। इस दौरान उपरोक्त मंत्र का जाप करना हर तरह के संकटों से छुटकारा दिलाने में मददगार साबित होगा।