फ्लोरिडा, एजेंसी। बिजनेस टाइकून एलन मस्क की दिग्गज कंपनी ‘स्पेसएक्स’ ने दुनिया के सबसे ताकतवर रॉकेट ‘फॉल्कन हैवी’ को सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में भेजकर इतिहास रच दिया है। मंगल पर मानव बस्ती बसाने की मस्क की महत्वाकांक्षी योजना की दिशा में यह पहला महत्वपूर्ण कदम है। इसके साथ एक दिलचस्प बात ये भी है कि इस रॉकेट के साथ एक स्पोर्ट्स कार को भी अंतरक्षि में भेजा गया है और ये भी गौर फरमाने वाली बात है कि पहली बार किसी प्राइवेट कंपनी ने बिना किसी सरकारी मदद से इतना बड़ा रॉकेट लॉन्च किया है। यह भी कहा जा रहा है कि इस रॉकेट को किसी 23 मंजिला इमारत के बराबर माना जा सकता है।
‘फॉल्कन हैवी’ के लॉन्च का हुआ लाइव प्रसारण
फॉल्कन हैवी को फ्लोरिडा के कैनेडी अंतरिक्ष केंद्र से भारतीय समयानुसार मंगलवार देर रात 2 बजकर 25 मिनट पर लॉन्च किया गया और स्पेसएक्स ने इस पूरी प्रकिया का लाइव प्रसारण किया। इसको लेकर लोगों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिला। फॉल्कन हैवी के लांच होने के बाद स्पेसएक्स के कमेंटेटर लॉरेन लियॉन्स ने कहा, ‘वाह, क्या आप लोगों ने देखा? यह बेहद शानदार था।’
स्पेसएक्स का है सबसे महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट
फॉल्कन हैवी पृथ्वी की ऑर्बिट से मंगल की ऑर्बिट तक चक्कर लगाता रहेगा। मस्क ने बताया था कि अपने ऑर्बिट में पहुंचने के बाद इसकी रफ्तार 11 किलोमीटर/सेकंड की होगी। हालांकि इसमें किसी इंसान को नहीं, बल्कि फ्यूचर स्पेस सूट पहने एक पुतले को भेजा गया है। यह स्पेसएक्स का अब तक का सबसे महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है और विशेषज्ञों ने इसकी सराहना करते हुए इसे गेम-चेंजर करार दिया है।
इस वजह से नासा की भी है इस पर नजर
नासा की भी इस पर नजर है। चांद-मंगल पर लोगों को भेजने के मकसद को देखते हुए वह भी इस ताकतवर रॉकेट का इस्तेमाल कर सकता है। स्पेसएक्स का दावा है कि यह मौजूदा समय में इस्तेमाल हो रहे सबसे पॉवरफुल रॉकेट डेल्टा-4 हैवी से दोगुना वजन ले जा सकता है। मस्क ने यह दावा भी किया था कि यह रॉकेट मनुष्यों को चांद और मंगल ग्रह तक ले जा सकेगा। उन्होंने बताया था कि फॉल्कन हैवी को ठीक उसी जगह से लॉन्च किया जाएगा, जहां से ‘सैटन 5 अपोलो 11 मून रॉकेट’ को लॉन्च किया गया था।
जानिए क्या है ‘फॉल्कन हैवी’ की खासियत
पिछले साल दिसंबर में मस्क ने 27 मर्लिन इंजन वाले इस रॉकेट की तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा की थीं। इसे फॉल्कन 9 नामक तीन रॉकेट को मिलाकर बनाया गया है। यह 40 फीट चौड़ा व 230 फीट लंबा है और इसका कुल वजन 63.8 टन है, जो दो स्पेस शटल के वजन के बराबर है। जमीन से उठने पर यह 50 लाख पाउंड का थ्रस्ट पैदा करता है जो बोइंग 747 एयरक्राफ्ट के 18 प्लेन द्वारा मिलाकर पैदा करने वाले थ्रस्ट के बराबर है। इससे लगभग एक लाख 40 हजार पाउंड का वजन अंतरिक्ष में भेजा जा सकता है।
इस रॉकेट का हो सकता है दोबारा इस्तेमाल
स्पेसएक्स काफी लंबे समय से ऐसे रॉकेट पर प्रयोग कर रही थी, जिसे एक से अधिक बार इस्तेमाल किया जा सके। मगर उसे सफलता अब जाकर मिली है। कंपनी का दावा था कि दोबारा इस्तेमाल होने वाले रॉकेट से इसकी लॉन्चिंग पर होने वाले खर्च में काफी कमी आएगी। यूरोपियन स्पेस एजेंसियां, रूस और जापान भी इस टेक्नोलॉजी पर काम कर रहे हैं, मगर अभी वह प्रायोगिक दौर में ही हैं। आपको बता दें कि अंतरिक्ष में किसी सेटेलाइट को स्थापित करने के लिए रॉकेट की सहायता ली जाती है। इसलिए ऐसे अनुसंधानों पर प्रोग्राम से ज्यादा खर्च स्थापित करने वाले सेटेलाइट व्हिकल पर होता है।
सैटर्न-5 था अब तक का सबसे शक्तिशाली रॉकेट
आपको बता दें कि सैटर्न-5 अब तक का सबसे शक्तिशाली रॉकेट था, जिसका अब इस्तेमाल बंद हो गया है। सैटर्न-5 में 140 टन पेलोड ले जाने की ताकत थी। नासा ने सैटर्न-5 की मदद से ही चांद पर खोज के लिए कई मिशन भेजे थे। स्काईलैब भी इसी से लॉन्च की गई थी। यह 1973 तक प्रचलन में था।
अंतरिक्ष में भेजी गई मस्क की रोडस्टर कार भी
फॉल्कन हैवी के साथ मस्क की रोडस्टर कार को भी अंतरिक्ष में भेजा गया। ऐसा पहली बार हुआ है। मस्क ने इस बारे में बताया था कि वह फॉल्कन हैवी के साथ मंगल ग्रह की ओर अपनी टेस्ला कंपनी की रोडस्टर कार भी लॉन्च करेंगे। यह एक स्पोर्ट्स कार है और एक बार चार्जिंग में यह एक हजार किमी की यात्रा कर सकती है। वहीं 1.9 सेकंड में 0 से 100 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार पकड़ सकती है। इस कार की अधिकतम रफ्तार 400 किमी प्रतिघंटे है।
मंगल-चांद पर मानव बस्ती बसाना है सपना
पृथ्वी से इतर दूसरे ग्रहों पर जीवन की संभावनाओं को लेकर पिछले काफी लंबे दशक से दुनियाभर में शोध और प्रयोग होते आ रहे हैं। खास तौर से सभी की नजरें मंगल और चांद पर मानव बस्ती बसाने पर टिकी हुई है। स्पेसएक्स के सीईओ मस्क का भी यह सपना है और इस सपने को पूरा करने की दिशा में उन्होंने अपना पहला कदम बढ़ा दिया है और इसमें उन्हें सफलता भी मिल गई है। फाल्कन हैवी को लॉन्च करने का मुख्य मकसद मंगल और चांद पर लोगों को भेजना और वहां मानव बस्ती बसाना ही है। यह लोगों के लिए भी बेहद रोमांचकारी है, मगर देखना होगा कि मस्क का यह सपना पूरा होता है या नहीं।