संजय लीला भंसाली निर्देशित फिल्म ‘पद्मावत’ का विरोध करने वाली श्री राजपूत करणी सेना अब फिल्म का विरोध नहीं करेगी। शुक्रवार को करणी सेना ने घोषणा की है कि क्योंकि फिल्म में राजपूतों की वीरता को दर्शाया गया है इसलिए अब उन्होंने फिल्म का विरोध नहीं करने का फैसला लिया है। श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के नेता योगेंद्र सिंह कटार ने कहा- सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखदेव सिंह जी के निर्देशों के बाद ऐसा किया गया है। सेना के कुछ सदस्यों ने मुंबई में शुक्रवार को फिल्म देखी और पाया कि फिल्म में राजपूतों के बलिदानों और उनकी वीरता का वर्णन किया गया है। हर राजपूत को इस फिल्म को देखने के बाद गर्व महसूस होगा।
अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष की बात रखते हुए योगेंद्र सिंह ने बताया- फिल्म में दिल्ली के सुल्तान अलाउद्दीन खिलजी और रानी पद्मावती के बीच ऐसा कोई आपत्तिजनक सीन नहीं है जो राजपूतों की भावनाओं को आहत करता हो। इन सारी बातों को ध्यान में रखते हुए करणी सेना ने अपना विरोध वापस ले लिया है। इतना ही नहीं अब करणी सेना फिल्म को राजस्थान, मध्य प्रदेश और गुजरात के सिनेमाघरों में फिल्म को रिलीज कराने का भी प्रयास करेगी।
गौरतलब है कि करणी सेना शूटिंग के वक्त से ही फिल्म का विरोध करती रही है। जयपुर में जिस वक्त फिल्म की शूटिंग चल रही थी तब निर्देशक संजय लीला भंसाली पर हमला किया गया था और इसके बाद कई बार सेट पर तोड़फोड़ की गई। फिल्म की रिलीज से ठीक पहले इसका जबरदस्त तरीके से विरोध हुआ और माहौल बिगड़ने की आशंका को ध्यान में रखते हुए भारत के चार राज्यों ने फिल्म को बैन कर दिया। इसके बाद मेकर्स ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया जहां से इसे रिलीज की अनुमति दी गई और चारों राज्यों से बैन को हटा लिया गया।