नई दिल्ली: मोदी सरकार के इस कार्यकाल के आख़िरी बजट से मिडिल क्लास और नौकरीपेशा वर्ग के साथ-साथ भारतीय मज़दूर संघ भी निराश है. आरएसएस के सहयोगी संगठन ने बजट को निराशाजनक बताते हुए शुक्रवार को देशव्यापी प्रदर्शन का ऐलान किया है.
भारतीय मज़दूर संघ का कहना है कि बजट में मज़दूरों और नौकरीपेशा वर्ग का बिल्कुल भी ध्यान नहीं रखा गया है. न तो इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव किए गए हैं और न ही मज़दूरों के हित में कोई बड़ी घोषणा की गई. आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और आशा कर्मचारियों के लिए भी सरकार सिर्फ मायूसी लेकर आई है.
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने पीएम मोदी के ‘न्यू इंडिया का बजट’ पेश किया. अपने बजट भाषण में वे किसान, गरीब, युवा, गृहणी, उद्यमी सबों को खुश करते नजर आए. वित्तमंत्री जेटली ने किसानों को लागत मूल्य से 50 फीसदी ज्यादा देने की घोषणा की है. पीएम मोदी ने अपने भाषण में कहा था कि वर्ष 2022 तक हम किसानों की आमदनी को दूना कर देंगे.
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि वर्ष 2022 तक देश के हरेक गरीब के पास अपना घर होगा. उन्होंने गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों को होम लोन में भी राहत देने की घोषणा की है. वित्तमंत्री ने कहा कि खेती का बाजार मजबूत करने के लिए 2000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे.