ट्विंकल खन्ना इन दिनों फिल्म ‘पैडमैन’ के प्रमोशन में बिजी हैं। फिल्म के प्रमोशन के दौरान ट्विंकल ने पीरियड्स को लेकर अपना एक्सपीरियंस शेयर किया।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ट्विंकल ने एक इंसिडेंट के बारे में बताते हुए कहा, ‘मुझे याद है जब मैं बोर्डिंग स्कूल में थी तब वहां मुझे पीरियड्स के बारे में बताने के लिए कोई नहीं था। एक दिन स्कूल कैंटीन में मुझे लगा कि कुछ हुआ है और जब मैंने चेक किया तो पता चला कि मुझे पीरियड्स हो गए हैं। मैं ये जानकर उस समय चौंक गई थी जब पिछले साल अगस्त में दक्षिण भारत में एक शिक्षक ने 12 वर्षीय एक छात्रा को कक्षा से सिर्फ इसलिए बाहर निकाल दिया, क्योंकि पीरियड्स की वजह से उसके कपड़े और सीट पर दाग लग गए थे। वो घर गई और उस लड़की ने बालकनी से कूदकर जान दे दी। मुझे नहीं समझ आता कि इस कॉमन शारीरिक क्रिया को लेकर इतनी शर्मिंदगी क्यों रहती है। मुझे उम्मीद है कि पैडमैन के बाद लड़कियां पीरियड्स को लेकर शर्म न फील करें।’
बता दें कि ‘पैडमैन’ 9 फरवी को रिलीज होने वाली है। फिल्म में अक्षय कुमार, सोनम कपूर और राधिका आप्टे लीड रोल में हैं। यह फिल्म ‘अरुणाचलम मुरुगनाथम’ की बायोपिक है। तमिलनाडु के मुरुगनाथम ‘पैडमैन’ के नाम से फेमस हैं। मुरुगनाथम महावारी से जुड़ी समस्याओं पर काम करते हैं।
मुरुगनाथम के ‘पैडमैन’ बनने की कहानी
एक इंटरव्यू में मुरुगनाथम ने अपने इस सफर की कहानी भी बताई थी। उन्होंने बताया था, ‘सभी आदमियों की तरह मैं भी अपनी पत्नी को इम्प्रेस करने में लगा हुआ था। एक दिन मैंने देखा कि मेरी पत्नी अपने पीछे कुछ छिपाए हुए थी। मेरे पूछने पर उसने जवाब दिया कि तुम्हारे काम की चीज नहीं है। दरअसल, वो पीरियड्स के लिए इस्तेमाल करने वाला कपड़ा छिपा रही थी। मैंने अपनी पत्नी से पूछा कि तुम कपड़ा क्यों इस्तेमाल करती हो तो उसका जवाब था कि पैसे बचाने के लिए। फिर क्या अपनी पत्नी को इम्प्रेस करने के लिए मैंने उसे सेनेटरी नैपकिन गिफ्ट किया। मैंने 20-30 की उम्र में पहली बार नैपकिन को छुआ था।’
उन्होंने बताया, ‘मुझे आश्चर्य कि इसके लिए कंपनी इतना पैसा वसूलती है। फिर मैंने सोचा कि मैं अपनी पत्नी के लिए सस्ते में नैपकिन बनाऊंगा। इसके टेस्ट के लिए मैंने खून की एक पाइप लगाई और एक बॉल कमर पर बांध लिया। जब मैं चलता या साइकिल चलाता तो खून रिस कर नैपकिन में गिरता। इसके बाद औरतों के प्रति मेरा सम्मान बढ़ गया।’
उन्होंने आगे बताया, ‘सेनेटरी नैपकिन के निर्माण के लिए मैंने सस्ते में मशीन बनाई और ग्रामीण इलाको में उसे पहुंचाने का काम किया।