कासगंज, शुक्रवार को तिरंगा यात्रा के दौरान हुए बवाल में मृत चंदन गुप्ता के अंतिम संस्कार के दौरान श्मशान में लोगों का आक्रोश फूट पड़ा। लोगों ने अपने साथ सांसद राजवीर सिंह को भी धरने पर बैठने के लिए मजबूर किया। मुआवजे को लेकर सीएम से आश्वासन मिलने के बाद ही अंतिम संस्कार किया गया। बताया जा रहा है कि अंत्येष्टि कर लौट रहे आक्रोशित लोगों ने सड़क किनारे खड़ी दो बसों में आग लगा दी और एक खोका फूंक दिया। यही नहीं उपद्रवियों ने आधा दर्जन दुकानों में आग लगा दी। शहर के बाराद्वारी पर बर्तन की दुकान में शटर तोड़कर तोड़फोड़ की।
आपको बता दें कि गणतंत्र दिवस पर समुदाय विशेष के लोगों ने विद्यार्थी परिषद् की तिरंगा यात्रा पर पथराव किया तो पूरे शहर में बवाल हो गया। जमकर फायरिंग और पथराव हुआ। कई जगह आगजनी की कोशिश की। गोली लगने से एक युवक की मौत हुई है जबकि दो घायल हुए है। पथराव में आधा दर्जन चोटिल है। जिसमें कुछ पुलिस कर्मी भी शामिल है। देर शाम शहर में आरएएफ ने मोर्चा संभाला है।
शुक्रवार सुबह विद्यार्थी परिषद एवं हिंदूवादी संगठन के कार्यकर्ता बाइक से तिरंगा यात्रा निकाल रहे थे। यह यात्रा मुस्लिम बाहुल्य मुहल्ला हुल्का में पहुंची तो यहां कार्यकर्ताओं ने वंदे मातरम, भारत माता की जय के नारे लगाए। जिस पर समुदाय विशेष के एक युवक ने पाकिस्तान जिंदाबाद का नारा लगा दिया। इसी बात को लेकर दोनों पक्षों की ओर से नारेबाजी होने लगी। देखते ही देखते दोनों ओर से पथराव होने लगा। मुस्लिम बस्ती में घिरे कार्यकर्ता अपनी दो दर्जन से अधिक बाइक छोड़ भागे। जहां उनकी बाइकों को आग के हवाले कर दिया गया और तोड़फोड़ कर दी। घटना की खबर शहर में फैली तो हिंदूवादी एकत्रित हो गए।
दूसरे समुदाय के लोगों ने भी मोर्चा संभाल लिया। घर की छतों से पथराव और फायरिंग शुरू कर दी। कुछ ही देर में उपद्रवियों ने तहसील रोड पर भी फायरिंग कर दी। जिसमें गोली लगने से गली शिवालय रेलवे रोड निवासी चंदन गुप्ता पुत्र सुशील गुप्ता की मौत हो गई। जबकि युवक प्रिंस एवं नौशाद घायल हो गए। नौशाद को अलीगढ़ रेफर किया गया है। उपद्रवियों के पथराव में आधा दर्जन अन्य घायल हुए है। जिसमें कुछ पुलिस कर्मी भी शामिल है। घटना की जानकारी मिलते ही डीएम आरपी सिंह, एसपी सुनील कुमार सिंह पुलिस बल के साथ शहर में पहुंच गए और जगह जगह मोर्चा संभाला।
कुछ ही देर में सांसद राजवीर सिंह, कासगंज विधायक देवेंद्र राजपूत, पटियाली विधायक ममतेश शाक्य, अमांपुर विधायक देवेंद्र प्रताप, मारहरा के विधायक वीरेंद्र, छर्रा के विधायक के अलावा एडीजी अजय आनंद, कमिश्नर सुभाष शर्मा, आईजी डा. संजीव गुप्ता एटा के एसएसपी को भी मौके पर पहुंच गए। दिनभर शहर में अघोषित कर्फ्यू जैसे हालत रहे। पुलिस उपद्रवियों को दौड़ाती रही। देर शाम तक शहर में बवाल होता रहा। पुलिस ने कई बार लाठी चार्ज किया। दोपहर के बाद समुदाय विशेष के एक धर्मस्थल के निचले भाग में आग लगा दी। कई अन्य स्थानों पर भी आगजनी का प्रयास किया गया है। देर शाम जिला चिकित्सालय पर उच्च अधिकारियों और सांसद, विधायक की मौजूदगी में मृतक के शव का पोस्टमार्टम कराया गया। एडीजी ने बताया कि उपद्रवियों को चिन्हित कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। शहर के लोग शांति व्यवस्था बनाए रखे। यदि पुलिस की कमी पाई जाती है तो वहां भी कार्रवाई की जाएगी।
सांसद राजवीर सिंह का कहना है कि घटना की जांच कराई जाएगी।मृतक के परिजनों को मुआवजा दिलाया जाएगा। घटना को लेकर मुख्यमंत्री से मिलेंगे। सीएम ने घटना की जानकारी ली है।