नई दिल्ली: देश के 69वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर विजय चौक से ऐतिहासिक लालकिले तक देश की आन, बान, शान का शानदार नजारा देखा गया जिसमें प्राचीन काल से चली आ रही भारत की अनूठी एकता में पिरोई विविधताओं वाली विरासत, आधुनिक युग की विभिन्न क्षेत्रों की उसकी उपलब्धियां और देश की सुरक्षा की गारंटी देने वाली फौज की क्षमता का भव्य प्रदर्शन हुआ। इस वर्ष गणतंत्र दिवस परेड की खासियत मुख्य अतिथि के रूप में आसियान के 10 देशों के नेताओं एवं शासनाध्यक्षों की मौजूदगी रही। इस दौरान भारतीय सेना ने दुनिया के सामने अपना सैन्य दम भी दिखाया।
अत्याधुनिक हथियारों, मिसाइलों, विमानों और भारतीय सैनिकों के दस्तों ने देश के किसी भी चुनौती से निपट सकने की ताकत का अहसास कराया। सबसे अंत में रोमांच से भर देने वाले वायु सेना के अत्याधुनिक विमानों को राजपथ के उपर से हैरतअंगेज कारनामों के साथ उड़ान भरते देख कर उन विमानों की ताकत के साथ ही वायुसेना के पायलटों का हुनर और जांबाकाी का अहसास हुआ। परेड के दौरान एक टुकड़ी ने आसियान देशों के ध्वज को लेकर मार्च किया । इसमें 61वीं कैवेलरी दस्ता ने हिस्सा लिया। इसमें टी-90 भीष्म टैंक, ब्रह्मोस मिसाइल प्रणाली के साथ हथियार खोजी रडार ‘स्वाथि’ के अलावा ब्रिज लेयर टैंक टी-72, आकाश वायु रक्षा प्रणाली का भी प्रदर्शन किया गया।
परेड में रूद्र अैर ध्रुव का डायमंड फर्मेशन प्रस्तुत किया गया। परेड में नौसेना की मार्चिंग टुकड़ी और नौसेना की झांकी भी दिखी जिसमें आईएनएस विक्रांत को पेश किया गया। वायु सेना के मार्चिंग टुकड़ी के बाद वायु सेना की भी एक झांकी पेश की गई जिसमें महिला शक्ति और स्वदेशी को प्रर्दिशत किया गया। पांच मोटरसाइकिलों पर सवार 30 महिला जवानों ने अपने करतब से देश को गौरवान्वित कर दिया और उन्हें देख हर भारतीय का सीना चौड़ा हो गया। भारत की स्त्री शक्ति का इससे बेमिसाल प्रदर्शन और नहीं हो सकता। महिला जवानों की मोटरसाइकिल पर कलाबाजियां देख समारोह में मौजूद राष्ट्रपति समेत सभी गणमान्य जनों के चेहरे प्रफुल्लित हो उठे।