नई दिल्ली, चिर प्रतिद्वंदी भारत और पाकिस्तान का पिछले काफी समय से क्रिकेट की पिच पर द्विपक्षीय सीरीज में आमना-सामना नहीं हुआ है. इस पर पूर्व पाकिस्तानी तेज गेंदबाज शोएब अख्तर का दर्द झलका है. शोएब अख्तर ने इसके लिए दोनों देशों की राजनीति को जिम्मेदार ठहराया है.
अख्तर का मानना है कि भारत और पाकिस्तान के क्रिकेटरों को राजनीति के कारण दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक प्रतिद्वंद्विता के मौके से वंचित किया जा रहा है. उन्होंने कहा, ‘‘इसमें किसी की (बीसीसीआई या पीसीबी) गलती नहीं है, दोनों बोर्ड चाहते हैं कि श्रृंखला हो. सीरीज होती है, तो यह उनके पक्ष में है.’’
गौरतलब है कि दोनों देशों के बीच 2007 से कोई पूर्ण द्विपक्षीय श्रृंखला नहीं खेली गई है जिसमें 2008 में हुए मुंबई आतंकी हमले की अहम भूमिका रही. भारत में 2012 में एक छोटी सीरीज का आयोजन हुआ, लेकिन राजनयिक रिश्तों में मौजूदा तल्खी को देखते हुए जल्द ही दोनों देशों के बीच पूर्ण क्रिकेट संबंध शुरू होने की संभावना नहीं है.
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, अख्तर ने से कहा कि यह बेहद दुखद है कि सीमा के दोनों तरफ के क्रिकेटरों को भारत-पाक प्रतिद्वंद्विता का अनुभव करने के काफी मौके नहीं मिल रहे. एशेज के साथ यह खेल की सबसे बड़ी सीरीज है. उन्होंने कहा कि क्रिकेटरों को अपने देश के लिए रातों रात हीरो बनने का मौका नहीं मिल पा रहा है. पाकिस्तानी क्रिकेटरों को भारत में काफी प्यार मिलता है, मुझे भी भारत से काफी प्यार मिला.’’
शोएब ने कहा कि मैं चाहता हूं कि पाकिस्तान के मौजूदा क्रिकेटर उस प्यार का अनुभव करें जो हमें भारत में मिला और अपनी प्रतिभा दिखाएं.’’ अख्तर खुद को भाग्यशाली मानते हैं कि वह कई बार भारत-पाक प्रतिद्वंद्विता का हिस्सा रहे. इस दौरान उन्होंने मौकों का फायदा भी उठाया और 1999 में कोलकाता में एशियाई टेस्ट चैंपियनशिप के दौरान राहुल द्रविड़ और सचिन तेंदुलकर को लगातार गेंदों पर आउट करके रातों रात स्टार बन गए.
उन्होंने बताया कि मुझे लगता है कि द्विपक्षीय श्रृंखला तब तक नहीं होगी जब तक दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय बातचीत शुरू नहीं होती. और मौजूदा स्थिति में किसी को नहीं पता कि क्रिकेट कूटनीति काम करेगी या नहीं. अख्तर ने कहा कि मौजूदा स्थिति के लिए दोनों बोर्ड में से किसी को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता.