कानपुर, सरकार के लाख जतन के बाद भी कुछ विभागों में भ्रष्टाचार ख़त्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है। विभिन्न करों को ख़त्म कर एकल कर सुविधा को जी एस टी का नाम दिया गया जिसमें वाणिज्य कर भी शामिल था। लेकिन वाणिज्य कर के कुछ घाघ अधिकारियों को आज भी एक्सआई की लत नहीं छूटी है। जिनसे आजिज आकर बुधवार को कानपुर उद्योग व्यापार मंडल के अध्यक्ष विनय द्विवेदी ने कानपुर के व्यापारियों के साथ अधिकारियों द्वारा किये जा रहे उत्पीड़न और रिटर्न की व्यवस्था को लेकर अपर आयुक्त जी एस टी के माध्यम से मुख्य्मंत्री के नाम ज्ञापन दिया।
व्यापारियों द्वारा दिए गए ज्ञापन में इनमस्याओं का उल्लेख किया गया –
-जी एस टी विभाग के सचल दल द्वारा नगर के अंदर माल आने व ले जाने वाले वाहनों को रोका न जाय।
-सर्वे और जांच के नाम पर व्यापारियों का उत्पीड़न बंद किया जाय।
-जी एस टी रिटर्न फाइल करने में रिवाइज्ड रिटर्न की सुविधा हो जिससे रिटर्न फाइल करने में भूल सुधार किया जा सके।
-इनकम टैक्स की भांति कर दाता के खाते में रिफंड स्वतः ट्रांसफर हो।
-1 फरवरी को लागू होने वाले केंद्रीय ई वे बिल का दायरा मात्र 10 किलोमीटर से अधिक किया जाय।
-ई वे बिल में त्रुटि रह जाने पर जी एस टी विभाग उसे स्वतः ठीक करा ले और माल लदे वाहन को न रोके।