नई दिल्ली: दलित नेता और गुजरात से पहली बार विधायक बने जिग्नेश मेवाणी मंगलवार को संसद मार्ग से पीएम निवास तक ‘युवा हुंकार रैली’ करने वाले हैं. हालांकि 26 जनवरी की सुरक्षा के मद्देनज़र रैली की इजाज़त नहीं मिली है.पार्लियामेंट स्ट्रीट पर दिल्ली पुलिस ने भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया.
Delhi: Posters seen in Parliament Street area ahead of Jignesh Mevani's 'Yuva Hunkar Rally'. pic.twitter.com/pp8kamTKmy
— ANI (@ANI) January 9, 2018
पार्लियामेंट स्ट्रीट पर दिल्ली पुलिस ने भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया.
Delhi: Heavy security deployed ahead of Jignesh Mevani's 'Yuva Hunkar Rally' to be held at Parliament Street. Delhi Police has denied permission to hold the event. pic.twitter.com/7Q8CO9tqVg
— ANI (@ANI) January 9, 2018
जिग्नेश मेवाणी ने भी ट्वीट कर बीजेपी को चुनौती दी है. जिग्नेश ने लिखा है कि बांध ले बिस्तर बीजेपी, राज अब जाने को है, ज़ुल्म काफ़ी कर चुके, पब्लिक बिगड़ जाने को है.
बांध ले बिस्तर बीजेपी, राज अब जाने को है,
जुल्म काफ़ी कर चुके, पब्लिक बिगड़ जाने को है ।#YuvaRally #hunkar #युवा_हुंकार_रैली_9_जनवरी— Jignesh Mevani (@jigneshmevani80) January 9, 2018
नई दिल्ली के डीसीपी ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि रैली के आयोजकों को लगातार किसी और जगह पर जाने का सुझाव दिया जा रहा है, लेकिन वो मान नहीं रहे हैं.
इस रैली में मेवाणी के साथ आरटीआई एक्टिविस्ट अखिल गोगोई भी शामिल होने वाले हैं. रैली से जुड़े कार्यकर्ताओं का कहना है कि 2 जनवरी को इस रैली के ऐलान के बाद से ही इसे रोकने की कोशिश की जा रही है. इस रैली का ऐलान करते हुए जिग्नेश ने कहा था कि हम पीएम नरेंद्र मोदी से मिलने जाएंगे.
उन्होंने कहा था कि हमारे एक हाथ में संविधान होगा और दूसरे हाथ में मनु स्मृति. मेवाणी ने कहा था कि ये रैली सामाजिक न्याय के लिए है. भीमा कोरेगांव लड़ाई की सालगिरह पर हुई हिंसा के मामले में जिग्नेश मेवाणी और उमर खालिद के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी. जिसके बाद जिग्नेश मेवाणी ने बीजेपी और आरएसएस पर निशाना साधा था. ‘सामाजिक न्याय’ रैली या ‘युवा हुंकार रैली’ की योजना तैयार की गयी थी जिसे मेवाणी और असम के किसान नेता अखिल गोगोई को संबोधित करना है.
आपको बता दें कि एनजीटी ने पिछले साल पांच अक्तूबर को अधिकारियों को जंतर मंतर रोड पर धरना, प्रदर्शन, लोगों के जमा होने, भाषण देने और लाउडस्पीकरों के इस्तेमाल संबंधी गतिविधियां तत्काल रोकने का आदेश दिया था. आयोजकों में से एक और जेएनयू के छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष मोहित कुमार पांडेय ने कहा, “इस कार्यक्रम को रोकने के लिए बहुत प्रयास किए जा रहे हैं और यहां तक कि कुछ मीडिया घराने गलत सूचना भी फैला रहे हैं कि रैली के लिए इजाजत नहीं दी गई है.”
पांडेय ने एजेंसी को बताया कि दो जनवरी को रैली की घोषणा किए जाने के बाद से, “मेवाणी को एक देशद्रोही और शहरी नक्सली बताने वाले पोस्टरों पर बहुत सारा पैसा खर्च किया गया है.” उन्होंने कहा कि रैली पूर्व निर्धारित समय पर ही होगी.