बीजिंग/इस्लामाबाद: पाकिस्तान के लोगों का दिल जीतने के लिए चीन ने नई चाल चली है। हाल ही में चीन ने पाकिस्तान के छोटे से तटीय शहर ग्वादर के लिए 50 करोड़ डॉलर यानी करीब 3300 करोड़ रुपए ग्रांट दी है । इस छोटे से शहर के् लिए इतनी बड़ी ग्रांट देकर चीन का पाकिस्तान में पैर जमाने का है। पाक पर कब्जे के लिए वो योजना बनाकर काम कर रहा है। ग्वादर शहर में चीन कई महत्वकांशी योजनाओं पर काम कर रहा है। ये जगह अरब सागर के तट पर स्थित है और ये कमर्शियल तौर पर चीन के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
आगे चलकर चीन ग्वादर में नौसेना का बेस तैयार करने की योजना बना रहा है जिससे भारत और अमरीका की चिंताओं को बल मिला है, क्योंकि दोनों देश इस बात को जानते हैं कि आने वाले समय चीन ग्वादर को अपनी नौसेना के बेस के तौर पर इस्तेमाल कर सकता है। ग्वादर में चीन एक मेगापोर्ट विकसित करके दुनिया भर में निर्यात करना चाहता है। यहां से चीन पश्चिमी क्षेत्र से जुड़ने के लिए एनर्जी पाइपलाइन्स, सड़कों और रेल का लिंक का जाल बिछाएगा। पाकिस्तानी अधिकारी यहां अगले साल 12 लाख टन कारोबार की उम्मीद कर रहे हैं जो साल 2022 में बढ़कर 1.3 करोड़ टन तक पहुंच जाएगा।
पाकिस्तान का ये इलाका प्राकृतिक तेल और गैस के परिवहन के लिए जाना जाता है। चीन यहां अपने लिए भविष्य में कई फायदे देख रहा है। हाल ही में ग्वादर में नया इंटरनैशनल एयरपोर्ट बनाने के लिए भी चीन ने 23 करोड़ डॉलर यानी करीब 1500 करोड़ रुपए की ग्रांट दी थी। ग्वादर में चीन के लिए काफी चुनौतियां भी हैं। यहां पीने के पानी की गंभीर समस्या के साथ-साथ बिजली की समस्या भी आम लोगों को काफी परेशान करती है। इतना ही नहीं पाकिस्तानी अलगाववादी विद्रोहियों से भी चीन के प्रॉदेक्ट्स को खतर बना हुआ है। स्थानीय लोगों का संतुष्ट होना अलगाववादियों के लिए मुश्किलें पैदा करता है।