एक नई रिसर्च आई है, जो बाइक चलाने वालों को सबसे पहले और जरूर पढ़नी चाहिए. कनाडा की यूनिवर्सिटी ऑफ टॉरंटो और अमेरिका की प्रिंसटन यूनिवर्सिटी ने एक शोध में यह कहा है कि पूरे चांद वाली रात, जिसे हम पूर्णिमा भी कहते हैं, में सड़क हादसे ज्यादा होते हैं.
शोधकर्ताओं ने पूरे चांद वाली रात में होने वाले सड़क हादसों की गिनती की और इसकी तुलना पूर्ण चंद्र से एक हफ्ते पहले और एक हफ्ते बाद वाली रातों में होने वाले सड़क हादसों से की. यह विशुद्ध आंकड़ों की बात थी और आंकड़े चौंकाने वाले थे.
आंकड़े यह बता रहे थे कि पूरे चांद वाली रात में ज्यादा बाइकर्स दुर्घटनाओं के शिकार होते हैं. पूरी दुनिया में सड़क हादसों से जुड़ा डेटा यह बताता है कि बाइकर्स सबसे ज्यादा सड़क दुर्घटनाओं के शिकार होते हैं और उसमें भी यह दुर्घटनाएं अधिकांश मामलों में बाइक चलाते वक्त ध्यान भटकने के कारण होती हैं. शोधकर्ताओं का कहना था कि पूरे चांद वाली रात में रौशनी ज्यादा होती है, जिससे बाइक चलाते हुए ध्यान भटकने की संभावना भी बढ़ जाती है. चांद रात की रौशनी और उसकी चमक दिन के उजाले से अलग होती है. इसकी तुलना सूरज की रौशनी से नहीं की जा सकती.
इस स्टडी के मुताबिक, 1, 482 रातों में कुल 1,329 लोग बाइक हादसों का शिकार हुए. इनमें से 494 रातें पूर्ण चंद्र वाली थीं, जबकि 988 रातें सामान्य थीं. कुल मिलाकर साल 1975 से 2014 के बीच पूरे चांद की 494 रातों में 4,494 सड़क दुर्घटनाएं हुईं.