नई दिल्ली : शिरडी के साईं बाबा को लोग भगवान मानते हैं। भक्तों में ऐसी आस्था है कि सच्चे मन से साईं बाबा का नाम लेने मात्र से ही लोगों के कष्ट दूर हो जाते हैं। यही वजह है कि कुछ लोग साईं को भगवान का अवतार मानते हैं तो कुछ लोग उन्हें अपने जीने की वजह। आज हम आपको साईं बाबा के जीवन से जुड़ी कुछ ऐसी विचित्र बातें बताने जा रहे हैं जो ये साबित कर देगी कि आखिर क्यों साईं बाबा को भगवान का दर्जा दिया जाता है।
गेहूं पीसने की विचित्र कहानी
साईं बाबा के जीवन से जुड़ी गेहूं पीसने की कहानी सबसे अधिक प्रचलित है। एक बार की बात है साईं बाबा द्वारिका में स्थित अपनी कुटिया में एक दिन सुबह-सुबह गेहूं पीस रहे होते हैं कि तभी वहां मौजूद गाँव वालों को ये देखकर आश्चर्य होता है कि साईं बाबा का तो कोई परिवार है नहीं और उनका गुजारा भी भिक्षा मांगकर हो ही जाता है तो फिर वो किसके लिए ये गेहूं पीस रहे थे। मगर किसी में भी इतना साहस नहीं हो रहा था कि साईं से सवाल कर सके। तभी उस भीड़ में से चार महिलायें निकली और बाबा के हाथ से चक्की लेकर खुद ही गेहूं पीसने लगीं। इसके बाद जब पूरा गेहूं पिस गया तो वो महिलायें पिसे गेहूं को बराबर बराबर बाँट कर ले जाने लगी। तभी साईं बाबा ने उन्हें रोकते हुए कहा कि ये आटा ले जाकर तुम गाँव की मेड़ पर बिखरा दो। उस समय किसी को भी बाबा की वो लीला समझ नहीं आयी मगर उसके बाद उसी बिखरे आटे से ही गाँव में फैली हैजा बीमारी का इलाज हुआ और पूरा गाँव महामारी मुक्त हो गया। तब जाकर सभी को बाबा की लीला का आभास हुआ। साईं बाबा ने अपने जीवनकाल में कई ऐसी लीलाएं की कई अदभुत चमत्कार किये जिनकी वजह से लोगों के कष्ट हमेशा के लिए खत्म हो गए थे।
गेहूं पीसने के पीछे छुपा था जीवन का सन्देश
साईं बाबा के हर एक चमत्कार में जीवन का कोई ना कोई सन्देश छुपा रहता था। साईं बाबा की इस गेहूं पीसने की कहानी के पीछे भी कई सन्देश छुपे हैं। असल में बताया जाता है कि साईं बाबा ने लगभग 60 बरस तक शिरडी में रोज़ गेहूं पीसा था। साईं के अनुसार गेहूं लोगों के कष्टों और बुराइयों का प्रतीक माना जाता है इसलिए वो गेहूं को पीसकर सुख रूपी आटा दिलाने का सन्देश देते हैं।चक्की की मुठिया जिसे पकड़कर गेहूं पीसा जाता था, वो ज्ञान का प्रतीक थी जिसे निरंतर घुमाते हुए हम बेहतर बन सकते हैं।
दर्द और तकलीफें सहकर ही इंसान निखरता है
उनके अनुसार व्यक्ति जब तक दर्द और तकलीफें नहीं सहता है तब तक वो निखर नहीं सकता है। साईं ने हमेशा ईश्वर को एक और सर्वशक्तिमान बताया है । साईं बाबा का दृढ़ विश्वास था कि जब तक इंसान की प्रवृत्तियां, आसक्ति, घृणा और अहंकार नष्ट नहीं हो जाते तब तक ज्ञान और आत्म अनुभूति संभव नहीं हो सकती है।
खुश रहने का सही तरीका ,”दूसरों से उम्मीदें करना खत्म कर दो”
साईं बाबा के अनुसार जीवन ने सफल होने के कई मार्ग हैं मगर सभी मार्ग कठिनाइयों और दर्द से भरे हुए हैं। जो व्यक्ति खुद से पार पा लेता है वो इस मायारूपी सागर को भी पार कर सकता है। साईं ने बताया जीवन में सदा खुश रहने का सबसे सही मार्ग यही है कि कभी दूसरों से उम्मीद करना बंद करके खुद से उम्मीदें रखना शुरू कर देना चाहिए। जो व्यक्ति खुद पर विजय प्राप्त कर लेता है उसकी हार असंभव है। साईं बाबा के उपदेश उनका ज्ञान आज तक लोगों को सही रास्ता दिखाने में मदद कर रहा है।