मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि सूबे में गौसेवा को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके लिए प्रदेश भर में लखनऊ के कान्हा उपवन की तर्ज पर गौशालाएं स्थापित की जाएंगी। सीएम ने यह घोषणा शुक्रवार को राजधानी के नादरगंज स्थित कान्हा उपवन गौशाला का भ्रमण के दौरान की थी।
उन्होंने साथ में मौजूद नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना और विभाग के अधिकारियों को इस गौशाला में सुविधाएं बढ़ाने के निर्देश भी दिए हैं और साथ ही इसके विस्तार की कार्ययोजना तैयार करने को भी कहा।
मुख्यमंत्री ने करीब 54 बीघे में फैली गौशाला का निरीक्षण किया तथा गायों को हरा चारा व गुड़ भी खिलाया। लखनऊ नगर निगम की देखरेख में चल रही गौशाला की व्यवस्था की तारीफ करते हुए सीएम ने अन्य नगर निगमों में भी ऐसी गौशाला स्थापित किए जाने पर ज़ोर दिया। उन्होंने कहा कि सूबे में पहले से स्थापित गौशालाओं की क्षमता बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं।
कान्हा उपवन की स्थापना लखनऊ नगर निगम ने 2010 में की थी। यहां कान्हा उपवन गौशाला को सपा के संरक्षक मुलायम सिंह के बेटे प्रतीक यादव व बहू अपर्णा यादव की संस्था ‘जीव आश्रय’ संचालित कर रही है। प्रतीक और अपर्णा ने मुख्यमंत्री को बताया कि गौशाला में करीब 1850 गौवंशिय पशु हैं, जिनमें लगभग 900 गायें तथा 917 नंदी (सांड़) के अलावा बछड़े एवं बछिया शामिल हैं।
यहां के पशु चिकित्सालय में गौवंशीय पशुओं के बड़ी संख्या में बंदरों एवं कुत्तों का भी इलाज हो रहा है। इस दौरान उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा, राज्य मंत्री स्वाति सिंह, प्रमुख सचिव नगर विकास कुमार कमलेश और नगर आयुक्त उदयराज सिंह समेत नगर निगम के तमाम अधिकारी मौजूद रहे। गौशाला में मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने गायों को गुड़ व चारा खिलाया।
गौशाला में विशेष स्वच्छता के निर्देश
मुख्यमंत्री ने गौशाला में साफ-सफाई पर विशेष फोकस करने को कहा। उन्होंने गोबर का बेहतर उपयोग करने तथा गायों के मूत्र के सदुपयोग के लिए जरूरी कदम उठाने के भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने कान्हा आश्रय पशु कल्याण योजना के तहत 700 अतिरिक्त गौवंशिय पशुओं के लिए निर्माणाधीन शेडों की प्रगति की भी जानकारी ली।
गौशाला कर्मियों से कहा, बच्चों को पढ़ाएं
मुख्यमंत्री ने गौशाला के कर्मचारियों से बात की और उन्हें बच्चों को पढ़ाने-लिखाने की भी सलाह दी। उन्होंने कहा कि यहां लगाए जा रहे बायोगैस संयंत्र की क्षमता बढ़ाई जाए ताकि कर्मचारियों को भी इसका लाभ मिल सके।