नई दिल्ली : माँ को भगवान का दूसरा रूप माना जाता है। कहते हैं भगवान हर समय हर जगह नहीं मौजूद रह सकते हैं इसलिए उन्होंने माँ बनाई। माँ इस तरह अपने बच्चे का ख्याल करती है जैसे मानो साक्षात भगवान ही उसकी देखभाल करते हों। माँ की ममता का कोई रूप नहीं होता ,उसमें कोई स्वार्थ नहीं होता। फिर चाहे वो इन्सान हो या जानवर सभी अपने बच्चों को एकसमान ही प्यार करते हैं। माँ के प्राण तो उसकी संतान में ही बसते हैं फिर जब बात बच्चे की ज़िन्दगी बचाने की आती है तो माँ को अपने बच्चे के सिवा कुछ और नहीं दिखाए पड़ता है। ऐसा ही कुछ नज़ारा हाल ही में देखने को मिला। जब एक हथिनी नें अपने बच्चे को बचाने के लिए जी जान एक कर दी। अपने शरीर का बल और ममता के बदौलत उसने कुछ इस तरह से अपने बच्चे को बचाने के लिए संघर्ष किया कि देखने वालों की आँख से आंसू बह निकलें।
बच्चे को बचाने के लिए रात भर खोदा गड्ढा
आपको बता दें कि इनदिनों एक हथिनी और उसके बच्चे कि एक ऐसी संवेदनशील कहानी सोशल मीडिया में वायरल हो रही है। जिसे देखकर लोग माँ की ममता की मिसालें देते नहीं थक रहे हैं। दरअसल हुआ कुछ ऐसा था कि पिछले दिनों एक हथिनी अपने बच्चे के साथ जंगल पार कर के अपने निवास स्थान की तरफ बढ़ रही थी। जंगल पार करते समय शाम होने लगी थी कि तभी उस हथिनी का बच्चा एक गहरे संकरे गड्ढे में गिर गया। हथिनी ने अपने बच्चे को बचाने के लिए खुद गड्ढा खोदना शुरू किया।
नज़ारा देखकर गांववाले भी हुए भावुक
ख़बरों के अनुसार उस हथिनी ने रात भर लगभग 11 घंटों तक लगातार गड्ढा खोदा। अंत में जब वो अपने बच्चे को गड्ढे से निकालने में असमर्थ रही तब उसने ज़ोर-ज़ोर से चिंघाड़ना शुरू कर दिया। हथिनी की रोने की आवाज सुनकर आस-पास के गांव वाले इकटठा हो गए। पहले तो गांववाले समझ ही नहीं पा रहे थे कि आखिर हथिनी एक ही जगह पर खड़ी आखिर क्यों रो रही है ?लेकिन जब कुछ लोगों ने हिम्मत करके पास जाने का जोखिम उठाया तब उन्हें पूरा माज़रा समझ आ गया। हथिनी की इस ममता को देखकर पूरा गाँव भावुक हो गया था।
हथिनी की मदद इंसान कैसे करें ?
मगर चिंता ये थी कि लाख इच्छा होने के बाद भी वो गांववाले हथिनी की मदद कैसे करें ? कहीं गुस्साई हथिनी ने गाँव में ही तांडव मचा दिया तो फिर क्या होगा ? मगर गांव के कुछ नौजवानों ने दिलेरी दिखाते हुए हथिनी के बच्चे को बचाने की कवायद शुरू की।
दिलेरों नें दिखाई हिम्मत, बच्चे का कराया माँ से मिलन
पहले केले दिखाकर गांव वालों ने हथिनी का ध्यान भटकाया और उसे थोड़ा दूर ले गए और रात से बेहाल हथिनी भी केले देखकर उनके उनके पीछे चली गयी। इसी बीच गांववालों नें आपसी सूझबूझ से हथिनी के बच्चे को सुरक्षित गड्ढे से बाहर निकाल लिया। जैसे ही हथिनी ने अपने बच्चे को गड्ढे से बाहर देखा तो उसकी ख़ुशी का ठिकाना ही नहीं रहा। हथिनी ने अपने बच्चे को जी भर के प्यार-दुलार किया और उसके बाद अपने बच्चे को वापस अपने साथ जंगल ले गयीं।
ममता की मिसाल पेश कर रहा है ये वीडियो
हथिनी की इस ममता की कहानी को दर्शाती ये वीडियो इनदिनों सोशल मीडिया में तेज़ी से वायरल हो रही हैं जिसमें एक माँ के संघर्ष से जीत तक की कहानी साफ़ दिखाई दे रही है।