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इलाहाबाद, नोएडा के बहुचर्चित आरुषि हत्याकांड पर आज हाईकोर्ट में फैसला सुनाया जाना है. सीबीआई कोर्ट ने आरुषि-हेमराज मर्डर केस में तलवार दम्पति को दोषी ठहराया था. तलवार दम्पति ने इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की थी. इस अपील पर आज फैसला सुनाया जाना है.

क्या था पूरा मामला 

नोएडा के मशहूर डीपीएस में पढ़ने वाली आरुषि की लाश 15-16 मई, 2008 की रात को अपने घर में बिस्तर पर मिली. इस मर्डर का शक घर के नौकर हेमराज पर जा रहा था लेकिन अगले ही दिन हेमराज की लाश घर की छत पर मिलने से पूरा मामला ही उलट गया.

नोएडा पुलिस ने इसे ऑनर किलिंग का मामला बताया और आरुषि के पिया डॉ राजेश तलवार को दोषी ठहराया. 23 मई, 2008 को पुलिस ने बेटी की हत्या के आरोप में राजेश तलवार को गिरफ्तार कर लिया.

CBI जांच 

31 मई, 2008 को आरुषि-हेमराज मर्डर केस की जांच सीबीआई के हवाले कर दी गई. कत्ल के आरोप में डॉक्टर राजेश तलवार सलाखों के पीछे थे. तलवार का नार्को टेस्ट हुआ. शक की सुई तब तक तलवार से हटकर उनके नौकरों और कंपाउंडर तक पहुंच गई थी. तलवार परिवार के करीबी दुर्रानी परिवार का नौकर राजकुमार को गिरफ्तार कर लिया गया.

 

क्या थी CBI की क्लोजर रिपोर्ट

सीबीआई कि क्लोज़र रिपोर्ट आने तक राजेश तलवार 50 दिन जेल में गुजार चुके थे. उन्हें जमानत मिल गई. 2010 में दो साल बाद सीबीआई ने क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर दी. सुनवाई चलती रही और एक बार तलवार दम्पति शक के घेरे में आ गये. गाजियाबाद कोर्ट ने तलवार दंपत्ति को सबूत मिटाने का दोषी पाया. दोनों के खिलाफ आरुषि-हेमराज मर्डर केस में शामिल होने के आरोप तय किए गए.

CBI कोर्ट का फैसला 

डबल मर्डर के चार साल बाद 2012 में आरुषि की मां नूपुर तलवार को कोर्ट में सरेंडर करना पड़ा और फिर जेल जाना पड़ा. नवंबर 2013 में तमाम जिरह और सबूतों को देखने के बाद सीबीआई कोर्ट ने आरुषि के पिता राजेश और मां नूपुर तलवार को उसकी हत्या के जुर्म का दोषी माना. उनको उम्र कैद की सजा सुना दी गई.