अयोध्या में राम जन्म भूमि विवाद मामले पर आज सुप्रीम कोर्ट ने रोज सुनवाई करने से इन्कार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले में जल्द सुनवाई संभव नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले में दोनों पक्षकारों को और समय देने की जरुरत है। कोर्ट ने मामले पर जल्द सुनवाई करने से मना करते हुए कहा है कि इस मामले पर सभी पक्षों को बातचीत का ज्यादा समय दिया जाएगा।
वकील जफरयाब जिलानी ने कहा कि स्वामी कोई पार्टी नहीं हैं, मामले का फैसला सुप्रीम कोर्ट को ही करने दें।
बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने राम मंदिर मामले पर रोजाना सुनवाई करने के लिए याचिका दायर की थी, जिसे आज कोर्ट ने खारिज कर दिया है। याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि स्वामी इस मामले में पक्ष नहीं हैं, सारे पक्षकारों को और समय दिया जाएगा।
कोर्ट का फैसला आने के बाद सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्वीट कर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की औय उन्होंने ट्वीट कर कहा कि वह इस मामले में दूसरा रास्ता अपनाएंगे। ”
Today the SC asked me if I was a party in the Ayodhya dispute. I said I had made clear that I was on Fundamental Right to worship issue
— Subramanian Swamy (@Swamy39) March 31, 2017
The judges said they have no time and adjourned the matter. In other words those who wanted delay succeeded. I will try another route soon
— Subramanian Swamy (@Swamy39) March 31, 2017
बता दें कि कि पिछली सुनवाई में मुख्य न्यायाधीश जेएस खेहर की बेंच ने इस मामले में अपनी राय रखते हुए कहा था कि यह मुद्दा आस्था और धर्म से जुड़ा हुआ है. अच्छा होगा कि दोनों ही पक्ष आपस में बैठकर इसको सुलझा लें।
कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो वह इसमें मध्यस्थता करने के लिए तैयार है। सभी पक्षों को बातचीत के लिए मनाने के लिए 31 मार्च तक का समय दिया गया था।
अदालत की इस टिप्पणी का केंद्र सरकार ने भी स्वागत किया था। केंद्रीय कानून राज्य मंत्री पीपी चौधरी ने कहा था कि वो अदालत की इच्छा का स्वागत करते हैं और इस विवाद को अदालत से बाहर सुलझाने की कोशिश करेंगे।
इससे पहले भी हुई हैं कोशिशें
इस विवाद को कोर्ट से बाहर सुलझाने की कोशिशें पह्ले भी हुई हैं. अलग-अलग सरकारों और प्रधानमंत्रियों ने 9 बार इस मामले में सुलह करवाने की कोशिशें की लेकिन हर बार असफलता हाथ लगी। 3 प्रधानमंत्रियों ने इस मामले को सुलझाने की कोशिशें की हैं।