शास्त्रों में गुरुवार को केले के पत्तों को शुभ और उसकी पूजा को लाभकारी माना गया है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक केले के पेड़ में साक्षात देवगुरु बृहस्पति का वास होता है और गुरुवार का दिन भगवान बृहस्पति यानी कि भगवान विष्णु का दिन होता है। ऐसे में अगर आप गुरुवार को केले के पेड़ की पूजा करते हैं तो आप पर भगवान बृहस्पति की आप पर कृपा होगी।
पूजा करने की विधि-
हल्दी की गांठ, चने की दाल और गुड़ केले को समर्पित करें। अक्षत, पुष्प आदि मंगल चीजें चढ़ाएं और केले के पेड़ की परिक्रमा करें। घर के आंगन के वृक्ष को छोड़ किसी दूसरे पेड़ की ही पूजा करना चाहिए।
गुरु की प्रसन्नता के लिए विशेष दिन माना जाता है। पौराणिक मान्यता है कि गुरु बृहस्पति, देवगुरु हैं। ज्योतिष मान्यताओं में भी गुरु सुखद दाम्पत्य जीवन व सौभाग्य को नियत करते हैं। खासकर स्त्री के विवाह और पुरुष की आजीविका की परेशानी गुरु की प्रसन्नता से दूर हो जाती है। गुरुवार के दिन व्रत रखें, जिसमें पीले वस्त्र पहने व बिना नमक का पीला भोजन का संकल्प लें। गुरु बृहस्पति की प्रतिमा या तस्वीर पीले वस्त्र पर विराजित कर पंचोपचार पूजा केसरिया चंदन, पीले अक्षत, पीले फूल व भोग में पीले पकवान या फल अर्पित करें। नीचे लिखे सरल गुरु मंत्र का ध्यान सुख-सौभाग्य की कामना से करें-
ॐ बृं बृहस्पते नम:
बृहस्पति मंगल मंत्र-
जीवश्चाङ्गिर-गोत्रतोत्तरमुखो दीर्घोत्तरा संस्थित:
पीतोश्वत्थ-समिद्ध-सिन्धुजनिश्चापो थ मीनाधिप:।
सूर्येन्दु-क्षितिज-प्रियो बुध-सितौ शत्रूसमाश्चापरे
सप्ताङ्कद्विभव: शुभ: सुरुगुरु: कुर्यात् सदा मङ्गलम्।।
इसके अलावा गुरुवार को केले के पेड़ की पूजा करने से बृहस्पति ग्रह मजबूत होता है और ऐसे लोगों की शादी में रुकावटें नहीं आतीं।उसकी सभी मनोकामनाएं भी पूरी हो जाती हैं। गुरुवार को केले के पेड़ की पूजा करने वाले व्यक्ति के परिवार की आर्थिक स्थिति भी मजबूत होती है और परिवार में खुशियां भी आती हैं।
किसी पूजा में या मांगलिक कार्यों में दरवाजों पर केले के पत्तों को लगाना बहुत शुभ होता है। भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी को केला चढ़ाने से घर में सुख व समृद्धि आती है। अगर आप पुखराज रत्न धारण नहीं कर सकते तो केले की जड़ पहन लें। इससे भी उतना ही लाभ होगा।