अमेरिका के रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस भारत के दौरे पर हैं। मंगलवार को भारत और अमेरिका के बीच रक्षा संबंधों को मजबूत करने के साथ आतंकवाद के तमाम पहलुओं पर चर्चा हुई। इस दौरान रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने साफ किया कि भारत अफगानिस्तान में सैनिक नहीं भेजेगा।
जेम्स मैटिस के साथ पाकिस्तान को मिल रही अमेरिकी सैन्य मदद का मसला उठाते हुए सीतारमण ने कहा कि भारत ने आतंकवाद का समर्थन करने वाले आधारभूत ढांचे को नष्ट किया जाए। निर्मला सीतारमण ने अफगानिस्तान में इमारत, डैम, स्कूल निर्माण में योगदान की बात कही। इसके साथ ही ये भी कहा कि भारत अफगान सुरक्षा बलों को प्रशिक्षण प्रदान कर रहा है और भारत की ओर से ये मदद लगातार आगे भी जारी रहेगी। लेकिन, भारत वहां अपनी सैना नहीं भेजेगा।
आतंकवाद पर हुई चर्चा-
इससे पहले जेम्स मैटिस से मुलाकात के बाद सीतारमण ने संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा कि, ‘हमारे पड़ोस की स्थिति और सीमा-पार आतंकवाद के बढ़ते खतरे पर बैठक में विस्तार से चर्चा हुई है। इस मुद्दे पर हम दोनों देशों के रुख में समानता बढ़ रही है।’
सीतारमण ने यह भी कहा कि, ‘मैटिस ने उन्हें आश्वस्त किया है कि वह पाकिस्तान के समक्ष उसकी धरती से उपज रहे आतंकवाद का मुद्दा उठायेंगे।’
अमेरिका ने किया स्वागत-
मैटिस ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि, ‘आतंकवाद की सुरक्षित पनाहगाह को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। हम युद्ध प्रभावित अफगानिस्तान में भारत के योगदान का स्वागत करते हैं।’
अफगानिस्तान के पुनर्निर्माण में सबसे ज्यादा योगदान करने वाले देशों में भारत भी शामिल है, जहां वह कई विकास परियोजनाओं से जुड़ा हुआ है।
आपको बता दें कि अमेरिकी रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस भारत से रक्षा संबंधों को मजबूत करने के उद्देश्य से सोमवार को नई दिल्ली पहुंचे हैं। मैटिस भारत के तीन दिवसीय दौरे पर हैं।