नई दिल्ली : स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने इस बार मिनिमम अकाउंट बैलेंस के नियमों में कुछ बदलाव किया है। इन नए नियमों को बैंक 1 अक्टूबर 2017 को आधिकारिक रूप से लागू कर देगी। जिसके अंतर्गत 1 अक्टूबर से बाज़ार में पुराने प्राइज का सामान नहीं मिल पाएगा।
एसबीआई ने दो नियमों में बदलाव करते हुए अपनी नयी योजना को प्रस्तावित करने का विचार किया है। इन दोनों ही नियमों से आपको भलीभांति परिचित हो जाना चाहिए।
पहला नियम-
एसबीआई के नये नियमों के तहत बैंक ने मेट्रो सेंटर्स में मिनिमम अकाउंट बैलेंस की लिमिट 5 हजार रुपए से घटाकर 3 हजार कर दी है। जबकि अर्बन, सेमी-अर्बन और रुरल सेंटर्स की लिमिट में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
मेट्रो और अर्बन सेंटर्स कैटेगरी में मिनिमम बैलेंस न रखने पर लगने वाले चार्ज भी 20-50 फीसदी तक कम कर दिए गए हैं। अब मिनिमम बैलेंस नहीं रखने पर हर महीने मेट्रो सेंटर्स में 50 रुपए और अर्बन सेंटर्स में 30 रुपए का चार्ज लगेगा। वहीं सेमी-अर्बन और रूरल सेंटर्स पर हर महीने अब 20 से 40 रुपए के बीच चार्ज लगाया जाएगा।
दूसरा नियम –
एक जुलाई से GST लागू होने के बाद कंपनियों को पुराने सामान को क्लियर करने के लिए 3 महीने का वक्त दिया था. जिसकी सीमा अब 30 सितंबर को खत्म हो रही है। यानी एक अक्टूबर से आपको दुकानों में नए एमआरपी का ही पैक्ड सामान मिलेगा।
ये नए दाम जीएसटी लागू होने के बाद कीमतों में आए बदलाव के आधार पर होंगे। अगर कोई दुकानदार 30 सितंबर के बाद भी पुराने एमआरपी पर सामान बेचता पाया जाता है तो उसकी ऐसी सामग्री जब्त की जा सकती है।