उत्तरप्रदेश की योगी सरकार ने सत्ता में आने के बाद से लगातार पूर्व सरकारों की मुश्किलों को बढ़ाए रखा है, इसी क्रम में योगी सरकार एक और कदम आगे बढ़ने वाली है। गौरतलब है कि, योगी सरकार ने शुरुआत में ही पूर्व समाजवादी सरकार के कई प्रोजेक्ट की जांच के आदेश दिए, जिनमें पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का ड्रीम प्रोजेक्ट भी शामिल था। जांच में वित्तीय अनियमितताएं और गड़बड़ी आदि के सबूत भी मिले थे। जिसके बाद सोमवार 18 सितम्बर को योगी सरकार ने पूर्व समाजवादी सरकार में हुई गड़बड़ियों को लेकर श्वेत-पत्र जारी कर दिया है। श्वेत-पत्र में योगी सरकार ने अपने 6 महीने के कार्यकाल का भी ब्यौरा दिया है। साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कार्यक्रम का संबोधन भी किया।
ये जनता के सामने रखना जरुरी-
भाजपा सरकार से पहले प्रदेश की स्थिति क्या थी? जनता के सामने ये रखना जरुरी है। जनता को हर बात जानने का अधिकार है। श्वेत-पत्र 2017 में पूरा ब्यौरा है। 100 दिन पूरे होने पर भी हम आपके बीच आये थे।
पूर्व सरकारों के बहुत से कारनामे-
पिछली सरकारों के बहुत से कारनामे हैं। यूपी में सभी पीसीयू बंद हो चुके हैं। पिछली सरकारों ने विकास कार्य ठप किये। पूर्व की सरकारों में भ्रष्टाचार पर अंकुश नहीं लगा। असामाजिक तत्वों को पिछली सरकारों में श्रेय मिला। 12-15 सालों में पूर्व सरकारों ने गलत काम किये। पिछली सरकारों ने फिजूलखर्ची की। पूर्व की सरकारें जनता के प्रति जवाबदेही नहीं रखती थी।
2003 से 2017 तक का ब्यौरा-
6 महीनों की उपलब्धियां भी बताएँगे। 2003 से 2017 तक का लेखा-जोखा दिया है। कल या परसों में 6 महीने की उपलब्धियां भी बताएँगे। 10 सालों में विकास कार्यों पर सिर्फ 3 फ़ीसदी खर्च। पिछली सरकारों ने करप्शन पर रोक नहीं लगायी। सरकारी उपक्रम 91 हजार करोड़ के घाटे में हैं।