योगी सरकार के आने के बाद प्रदेश की बिजली-सिंचाई सम्बन्धी शिकायतें बढ़ी हैं। पूरे प्रदेश में जहाँ 20 हजार मेगा वॉट की डिमांड है वहीँ सप्लाई सिर्फ 15 हजार मेगावॉट पर आकर सिमट गयी है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार 15 सितम्बर को सूबे की बिजली आपूर्ति सिंचाई व्यवस्था का निरीक्षण करते हुए अधिकारियों को निर्देश जारी किये। गौरतलब है कि, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ग्रामीण क्षेत्रों में सिंचाई, बिजली आदि की आवश्यकता सम्बंधित कार्यों की समीक्षा कर रहे थे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को गांवों में बिजली सप्लाई को लेकर निर्देश जारी किये। जिसमें उन्होंने सप्लाई में कमी न आने के निर्देश दिए। साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लापरवाह अफसरों को सख्त चेतावनी भी दी। सीएम योगी ने कहा कि, किसानों को समस्या देने वालों के खिलाफ कार्रवाई होगी।
सूबे की योगी सरकार ने चुनाव के दौरान बिजली की समस्या को मुख्य मुद्दों में शामिल किया था। लेकिन योगी सरकार में ही बिजली विभाग मौजूदा समय के शायद सबसे बड़े बिजली संकट से जूझ रहा है। प्रदेश की जनता की बिजली की मांग तकरीबन 20 हजार मेगावॉट है। जबकि प्रदेश में बिजली की उपलब्धता घटकर 15 हजार मेगावॉट पहुँच चुकी है।
इसके साथ ही प्रदेश की कई बिजलीघर इकाइयां भी ठप हो गयी हैं। जिनमें अनपरा, लैंकों, ललितपुर और बारा बिजलीघर इकाइयां ठप हो गयी हैं।
जिसके तहत प्रदेश की मांग और आपूर्ति में 5 हजार मेगावॉट का अंतर आया है। अनपरा में 210 और 500 मेगावॉट की दो इकाइयां, लैंकों में 600 मेगावॉट की इकाई, बारा में 660 मेगावॉट की दो इकाइयां बंद हो गयी हैं। इसके साथ ही ललितपुर की 1800 मेगावॉट की इकाई ठप हो गयी है। साथ ही ओबरा में भी दो इकाइयां ठप हो गयी हैं।