1 अप्रैल से बैंको का नया वित्तीय वर्ष शुरू हो रहा है। अब नए वित्तीय वर्ष से ITR फाइल करना पहले के मुकाबले काफी आसान हो सैलरीड क्लास के लिए आयकर रिटर्न भरने के लिए एक छोटा नया फॉर्म 1 अप्रैल से उपलब्ध होगा।
देखें 5 बड़े बदलाव
1) आयकर विभाग के अनुसार- आयकर विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध फॉर्म अधिसूचित कर दिए गए हैं और आईटीआर-1 से लेकर आईटीआर 6 तक फॉर्म उपलब्ध हैं। रिटर्न दाखिल करने के लिए ई-फाइलिंग की सुविधा 1 अप्रैल से उपलब्ध हो जाएगी और इसे 31 जुलाई तक भरा जा सकता है। अभी पैन रखने वाले 29 करोड़ लोगों में से केवल 6 करोड़ लोग ही आयकर रिटर्न दाखिल करते हैं। सरकार की इस पहल का मकसद लोगों को रिटर्न दाखिल करने के लिए प्रोत्साहित करना भी है।
2 ) बिंदुओं में आयकर की धारा 80सी, 80डी के तहत मिलने वाली कटौतियां शामिल हैं। इसके अलावा जो व्यक्तिगत करदाता अन्य मदों में कर कटौती चाहते हैं वह इसके लिए विकल्प चुनकर जानकारी दे सकते हैं।
3) रिटर्न फॉर्म भरते समय करदाता को अपना पैन, आधार नंबर, व्यक्तिगत सूचना और जानकारी देनी होगी इसके साथ ही उसके द्वारा भरे गए टैक्स, टीडीएस की जानकारी अपने आप ही उसमें आ जाएगी। जुलाई के बाद से टैक्स देने वालों के लिए आधार नंबर और आधार नंबर के लिए आवेदन किया गया है उसकी जानकारी देना जरूरी है।
4) आय कटौती के दावों से जुड़े कुछ बॉक्स को आईटीआर-1 फॉर्म में शामिल कर दिया गया है। वेतन और ब्याज से आय वाले व्यक्तिगत टैक्स देने वालों के लिए फॉर्म में सूचना भरने को पहले से कम बॉक्स होंगे। इस फॉर्म का नाम ‘सहज’ रखा गया है। निर्धारण वर्ष 2017-18 के रिटर्न फॉर्म में आयकर के अध्याय 6-ए के तहत किए जाने वाले विभिन्न कटौती के दावों की जानकारी से जुड़ा बॉक्स हटा दिया गया है और केवल उन्हीं बिंदुओं को इसमें रखा गया है जिन्हें आमतौर पर इस्तेमाल में लाया जाता है।
5) वर्तमान में जो आईटीआर 1/ सहज फॉर्म है उसमें आयकर अधिनियम की धारा-80 के तहत 18 अलग-अलग बिंदु और लाइनें हैं। इस धारा के तहत जीवन बीमा, पीपीएफ सहित विभिन्न प्रकार के निवेश और बचत पर 1.50 लाख रुपए तक की कटौती का दावा किया जाता है। इसी प्रकार धारा 80डी के तहत हेल्थ बीमा प्रीमियम भुगतान की कुल आय में से कटौती का प्रावधान है।