भारतीय वायुसेना प्रमुख बी.एस. धनोआ का कहना है कि देश में अन्य सैन्य ठिकानों के पास पठानकोट जैसे हमले दोबारा हो सकते हैं। धनोआ ने कहा कि पठानकोट में जैसा हुआ था, सेना पर वैसे ही हमले आगे भी हो सकते हैं। वे लोग हमें नई जगहों पर हमला कर चौंका सकते हैं।
गौतलब है कि सीमा पार से आए आतंकवादियों ने पठानकोट वायुसेना अड्डे पर दो जनवरी, 2016 को हमला कर दिया था। जिसमें सात सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए थे और 10 आतंकवादी मारे गए थे।
एयर चीफ मार्शल ने कहा कि पठानकोट हमले के बाद वायुसेना ने लगातार अपनी सुरक्षा क्षमता बढ़ाई है। ऐसे किसी भी फिदायीन हमले से निपटने के लिए सघन प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उन्होंने कहा, “हम अब कम समय में मिली सूचना पर भी संघर्ष के लिए तैयार हैं।”
धनोआ ने उत्तरी सीमा पर रणनीतिक वातावरण पर कहा कि वास्तविक सीमा रेखा के बारे में भारत और चीनी की सोच अलग है, जिस वजह से वहां संघर्ष की स्थिति पैदा होती है।
डोकलाम संघर्ष पर उन्होंने कहा वास्तविक सीमा रेखा के कम से कम 10 किलोमीटर के दायरे में वायु क्षेत्र का उल्लंघन नहीं किया गया था। हालांकि, चीन तिब्बत के पास लगातार अपनी हवाई उपस्थिति बढ़ाता रहता है और अपनी ताकत में वृद्धि करता रहता है।
हथियार आयात पर मार्शल ने कहा कि अगर हम बड़े हथियार आयात नहीं करेंगे तो हम छोटे और कम क्षमता वाले हथियारों के साथ दुश्मनों के सामने टिक नहीं पाएंगे। हमें युद्ध जीतने के लिए मजबूत और शक्तिशाली हथियार खरीदने की जरूरत है।