अखिलेश के सपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद से समाजवादी पार्टी में अखिलेश और मुलायम-शिवपाल गुट बन चुके हैं। जल्द ही यूपी में निकाय चुनाव होने हैं जिसे लेकर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने तैयारी शुरू कर दी है मगर शिवपाल गुट ने नेताओं ने कुछ ऐसा किया है जिससे उनकी समस्याएँ बढ़ती हुई दिख रही हैं।
समाजवादी पार्टी यूपी के विधानसभा चुनावों में 47 सीटें लाने में सफल हुई थी। इसके बाद से सपा लगातार अपने सगठन को मजबूत करने पर लगी हुई है।आगामी माह में होने वाले निकाय चुनाव को सपा अध्यक्ष अखिलेश की परीक्षा कहा जा रहा है। मगर इसके पहले ही सपा के दोनों गुटों की खींचतान सामने आती हुई दिख रही है।बीते दिनों 30 अगस्त को आजमगढ़ में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की जनसभा आयोजित थी।
आजमगढ़ सपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव का संसदीय क्षेत्र है। यहाँ पर आजमगढ़ सपा जिलाध्यक्ष हवालदार यादव मुलायम के सांसद प्रतिनिधि बने हुए थे। मगर अखिलेश यादव के आजमगढ़ आने से पहले ही शिवपाल ने हवालदार को हटा दिया था। शिवपाल यादव ने हवालदार की जगह पर रामदर्शन यादव को सांसद प्रतिनिधि बना दिया है।
आने वाले दिनों में आजमगढ़ में भी निकाय चुनाव होना प्रस्तावित है। यहाँ पर 2 नगरपालिका और 11 नगर पंचायत की सीटें हैं। आजमगढ़ में अखिलेश की करीबी हवालदार यादव की बहू जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर बैठी हैं। मगर चुनाव आने के पहले ही शिवपाल यादव गुट के लोग अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी में हैं। पूर्व मंत्री दुर्गा प्रसाद यादव के भतीजे इनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की कोशिश में है। खबर है कि इसमें उसे भाजपा और दूसरे दलों का भी साथ मिल सकता है।