इस साल पितृपक्ष 15 दिन का होगा। 2016 में भी पितृपक्ष 15 दिन का था। लगातार दूसरे साल तिथि घटने से पितृपक्ष एक दिन कम हो गया है। श्राद्ध 6 सितंबर यानी पूर्णिमा से शुरू होगा। इसी दिन दोपहर में प्रतिपदा का श्राद्ध भी होगा। 15 दिन बाद 20 सितंबर को सर्व पितृ अामावस्या पर श्राद्ध का समापन होगा। अब 16 दिनों के श्राद्ध का संयोग साल 2020 में बनेगा।
हिंदुओं में पितृपक्ष को पितरों का सबसे बड़ा पर्व माना जाता है। पूर्णिमा से अामावस्या तक यह पक्ष 16 दिनों का होने के कारण इसे सोलह श्राद्ध भी कहते हैं, मगर तिथियां घटने-बढ़ने के साथ ही इसमें दिन कम-ज्यादा होते रहते हैं। बुधवार को सुबह पूर्णिमा का श्राद्ध होगा। इस दिन दोपहर 12.32 बजे प्रतिपदा लग जाएगी।
इसके चलते कई लोग इस दिन प्रतिपदा का श्राद्ध भी करेंगे। कुछ पंडित बीच में पंचमी तिथि का क्षय होना भी बता रहे हैं। इस तरह पक्ष के एक दिन घटने से श्राद्ध के पूरे 16 दिन नहीं होंगे।