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ब्रिक्स समिट के दूसरे दिन पीएम नरेंद्र मोदी की आज चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ मुलाकात हुई। बता दें कि ब्रिक्स समिट चीन के श्यामन में हो रहा है। डोकलाम विवाद के बाद दोनों देशों के नेताओं के बीच यह पहली हुई। दोनों नेताओं के बीच ये मुलाकात करीब 1 घंटे तक चली। हालांकि इस बैठक में डोकलाम विवाद पर चर्चा नहीं हुई।

इससे पहले सोमवार को पीएम मोदी ने औपचारिक रूप से ब्रिक्स देशों के राष्ट्राध्यक्षों से मुलाकात की थी। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भारत के साथ पंचशील समझौते पर साथ चलने की बात कही है।

बैठक के बाद विदेश सचिव एस. जयशंकर ने कहा कि दोनों नेताओं के बीच 1 घंटे से ज्यादा देर तक बातचीत हुई। साथ ही उन्होंने बताया कि दोनों नेताओं के बीच ब्रिक्स देशों से जुड़े कई मुद्दों पर बात हुई। दोनों नेताओं ने कहा कि दोनों देशों को आपसी भरोसा बढ़ाने की जरूरत है।

चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा कि भारत और चीन दो बड़े पड़ोसी देश हैं, इसके साथ ही हम दोनों दुनिया की सबसे बड़े और उभरते हुए देश भी हैं। जिनपिंग ने मोदी से कहा कि वह भारत के साथ मिलकर पंचशील समझौते के 5 सिद्धांतों पर साथ चलने को तैयार हैं।

क्या कहा गया घोषणापत्र में?
ब्रिक्स समिट में भारत ने आतंकवाद का मुद्दा उठा। ब्रिक्स सम्मेलन में घोषणापत्र के 48वें पैराग्राफ में आतंकवाद पर कड़ी चिंता व्यक्त की गई। इसमें लिखा गया कि हम लोग आस-पास के इलाके में फैल रहे आतंकवाद और सुरक्षा की घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हैं। इन इलाकों में तालिबान, ISIL, अल-कायदा से काफी खतरा है। वहीं ईस्टर्न तुर्कीस्तान इस्लामिक मूवमेंट, इस्लामिक मूवमेंट ऑफ उजबेक्सितान, हक्कानी नेटवर्क, जैश-ए-मोहम्मद, टीटीपी और हिज्बुल उत तहरीर का जिक्र किया गया है।

आपको बता दें कि चीन लगातार पाकिस्तान समर्थक आतंकी संगठनों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आतंकवादी घोषित करने में अड़ंगा लगाता रहा है। मगर ब्रिक्स के घोषणापत्र में इनका जिक्र होना भारत के लिए बड़ी सफलता है।

मोदी के दौरे से पहले खत्म हुआ डोकलाम विवाद
पीएम मोदी के चीन दौरे से ठीक पहले दोनों देशों ने डोकलाम विवाद को सुलझाने का दावा किया था। दोनों देशों ने आपसी सहमति से डोकलाम से अपनी-अपनी सेनाएं हटाने की बात की थी। हालांकि चीन का कहना था कि उसकी सेना डोकलाम में पेट्रोलिंग करती रहेगी।