मुंबई : पहलाज निहलानी के बाद अब गीतकार प्रसून जोशी को सेंसर बोर्ड का अध्यक्ष बनाया गया है। पर मौजूदा हालात को देखकर लगता है कि फिल्म इंडस्ट्री की लिए ये कहावत बिलकुल सटीक बैठती है कि ”आसमान से गिरे और खजूर में अटके ”असल में बात कुछ ऐसी है कि सेंसर बोर्ड का अध्यक्ष बनने के तुरंत बाद ही प्रसून जोशी ने पंजाबी फिल्म ”तूफ़ान सिंह” को बैन कर दिया है। पंजाबी फिल्म तूफ़ान सिंह का निर्देशन बाघेल सिंह नें किया है और इस फिल्म में रणजीत बावा लीड रोल की भूमिका में थे। जो देश के सिस्टम और राजनीति में मौजूद भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए आतंकवादी गतिविधियों का सहारा लेता है। फिल्म के हिंसात्मक कंटेट को देखते हुए प्रसून जोशी की अगुवाई में सेंसर बोर्ड ने इस फिल्म को बैन कर दिया है।CBFC से जुड़े सूत्र बताते हैं- फिल्म में तूफान सिंह एक आतंकवादी का रोल अदा करता है, जो भ्रष्ट नेताओं और पुलिसवालों को निर्मम हत्या करता है। हद तो तब हो गई जब मेकर्स ने फिल्म में तूफान सिंह की तुलना शहीद भगत सिंह से दिखाई है। यह फिल्म बेहद ही क्रूर और अराजकता फैलाने वाली फिल्म है।
प्रसून जोशी का कहना है कि हम समाज में इस तरह की क्रूरता के संदेश के प्रति किसी तरह की सहानुभूति नहीं रख सकते इसलिए हम इस फिल्म को रिलीज़ होने की अनुमति नहीं दे सकते हैं।
CBFC में ‘संस्कारी’ सेंसरशिप देने के लिए मशहूर पहलाज निहलानी का कार्यकाल खत्म होने के बाद फिल्म इंडस्ट्री ने राहत की सांस ली थी। सोचा था कि अब फिल्म सर्टिफिकेशन में कोई दिक्कत नहीं आएगी। लेकिन प्रसून जोशी का यह कदम मेकर्स के लिए सैटबैक साबित हो सकता है।