16 दिसंबर 2012 को दक्षिणी दिल्ली में एक चलती बस में फिजियोथेरेपी की स्टूडेंट के साथ 6 लोगों ने गैंगरेप किया था, इस मामले में फिलहाल सुप्रीम कोर्ट ने चार दोषियों को मिली फांसी की सजा पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है। इसके बाद महिलाओं के खिलाफ हिंसा को लेकर पूरे देश में विरोध प्रदर्शन हुए थे। विरोध के बाद सरकार ने रेप की सजा में बदलाव किया था। इस मामले को 5 साल हो गएँ है।
आरोपियों में से एक राम सिंह ने तिहाड़ में कथित रूप से आत्महत्या कर ली थी, जबकि एक आरोपी नाबालिग था जिसे 3 साल तक जूवेनाइल होम में रखे जाने के बाद रिहा कर दिया गया।
शेष चार दोषियों को 13 सितंबर 2013 को दिल्ली हाई कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई थी, चारों के वकीलों ने दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसपर कोर्ट ने आदेश सुरक्षित रख लिया।