एक शोध मे इस बात का पता चला है कि वैरिकोज वेन्स पैरों की नसें सूजने की बीमारी युवाओं मे चिंता का कारण बन रही है। इस स्थिति से करीब 7 प्रतिशत युवा परेशान है। महिलाओं को इस रोग से चार गुना अधिक खतरा रहता है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अनुसार पैरों की नसें सूजने के कुछ प्रमुख कारण है शारीरिक व्यायाम न करना एक ही जगह देर तक बैठे रहना तंग कपड़े और ऊंची एड़ी के जूते पहनना।
यह रोग आमतौर पर पैरों मे पाया जाता है। जब निचले अंगों की नसों के वाल्व क्षतिग्रस्त हो जाते है तब यह रोग होता है। निचले अंगों से जब हृदय की ओर रक्त का प्रवाह कम हो जाता है। जब नसोंं मे खून एकत्रित होता रहता है और पैरों मे सूजन आ जाती है।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष पद्मश्री डॉ. के.के. अग्रवाल ने कहा, “पैर मे कई वाल्व होते है जो रक्त को हृदय की दिशा मे प्रवाहित होने मे मदद करते है। वैरिकोज अल्सर दोनों पैरों मे हो सकता है। जब ये वाल्व क्षतिग्रस्त हो जाते है। तो सूजन दर्द थकान खुजली और रक्त के थक्के बनना शुरू हो होता है। यह एक धीमी लेकिन परेशानी वाली बीमारी है। ”
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष पद्मश्री डॉ. के.के. अग्रवाल ने कहा कि लक्षण शुरुआत मे हल्के होते है। लोग जिस वजह से इस पर ध्यान नहीं देते। जिससे जटिलता का सामना करना पड़ सकता है और इलाज मुश्किल होता जाता है। इसका इलाज समय पर कराना जरूरी है। वरना अल्सर विकसित हो सकता है। ”
महिलाओं मे वैरिकोज गर्भावस्था पूर्व माहवारी और रजोनिवृत्ति कुछ कारक है जो नसों को प्रभावित करते है। वैरिकोज नसों की शुरुआत पर प्रभाव डालने वाले कुछ कारक आयु लिंग आनुवंशिकी मोटापे और लंबी अवधि के लिए पैरों की स्थिति है। वृद्धावस्था मे भी नसों मे टूट फूट हो सकती है।
पद्मश्री डॉ. के.के. अग्रवाल ने आगे बताया, “इस कंडीशन के बारे मे कई लोगों मे जागरूकता की कमी है। चिंता की बात तो यह है कि इस रोग की अनदेखी हो जाती है और लोग समय पर उपचार नहीं कराते। समय पर इलाज न होने से अल्सर एक्जिमा और उच्च रक्तचाप हो सकता है। उपचार समय पर दिया जाना चाहिए बशर्ते रोगी को कोई परेशानी न हो। कुछ रोगियों को पैरों की खूबसूरती के लिए कॉस्मेटिक सर्जरी भी करानी पड़ सकती है। ”
लंबे समय तक बैठना या खड़े रहना उचित नहीं।
नियमित रूप से पैदल चलने से पैरों मे रक्त परिसंचरण बढ़ेगा।
आपने वजन और आहार को नियंत्रित करें। नमक कम ही खाएं पैरों पर दबाव से बचने के लिए अधिक वजन ठीक नही।
आरामदायक कपड़े और जूते पहनें।
पैरों को ऊपर उठाइए अपने दिल की ऊंचाई तक पैरों को ऊपर उठाइए। लेट कर अपने पैरों के नीचे तीन-चार तकिये भी रख सकते है।