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वॉशिंगटन: अमेरिका ने कहा है कि पीएम नरेंद्र मोदी से उसके बहुत अच्छे रिश्ते है। वह इसका सम्मान करता है। यूएस ने ये भी कहा है कि डोकलाम विवाद पर वह बातचीत का समर्थन करता है। गतिरोध खत्म करने के लिए भारत-चीन को बातचीत की मेज पर आना चाहिए। 16 जून से सिक्किम सेक्टर के डोकलाम एरिया में विवाद चल रहा है। चीन उसी शर्त पर बात करना चाहता है जब भारतीय सेनाएं पीछे जाएं। भारत दोनों देशों की सेनाओं के वापस लौटने पर ही बातचीत चाहता है।

यूएस स्टेट डिपार्टमेंट के स्पोक्सपर्सन हीथर नुअर्ट ने शुक्रवार को कहा, “डोकलाम के हालात पर हम करीब से नजर रख रहे हैं, हमारे भारत-चीन दोनों से अच्छे रिश्ते हैं। इसलिए हम दोनों ही देश की सरकारों को बातचीत के लिए एनकरेज करना जारी रखेंगे।”

भारत-अमेरिका के संबंधों में आई तेजी पर हीथर ने कहा, “हमारे पीएम नरेंद्र मोदी के साथ बहुत अच्छे रिश्ते हैं और हमने जून में उनके दौरे को बहुत इन्जॉय किया।”

आप को बता दें कि सिक्किम सेक्टर में भूटान ट्राइजंक्शन के पास चीन एक सड़क बनाना चाहता है। भारत इसका विरोध कर रहा है। करीब 2 महीने से इस इलाके में भारत और चीन के सैनिक आमने-सामने है। भारत से चीन ने कहा है कि वह इलाके से अपने सैनिकों को तुरंत वापस बुलाए लेकिन भारत ने इससे इनकार कर दिया है।

डोकलाम विवाद के बीच चीन ने गुरुवार को फिर धमकी दी थी। चीन के सरकारी अखबार पीपुल्स डेली ने कहा था, “अपनी फौज ना हटाकर भारत अब आग से खेल रहा है। इंडियन आर्मी ने जंग की तैयारी शुरू कर दी है। उसने डोकलाम के आसपास के कई गांव खाली करा लिए हैं। अगर भारत डोकलाम से सेना नहीं हटाता है तो यही समझा जाएगा कि वो आग से खेल रहा है और जल जाएगा।”

डोकलाम विवाद पर अब तक चुप रहने वाले भूटान ने भी भारत का साथ दिया है। भूटान सरकार के एक ऑफिशियल सोर्स ने कहा, “हमने चीन को ये मैसेज भेज दिया है कि आप हमारे इलाके में सड़क बनाने की कोशिश कर रहे है। दोनों देशों के बीच 1988 और 1998 में समझौते हो चुके हैं और सड़क बनाने की ये कोशिश उन एग्रीमेंट्स का वॉयलेशन है।”

ये विवाद 16 जून को तब शुरू हुआ था, जब इंडियन ट्रूप्स ने डोकलाम एरिया में चीन के सैनिकों को सड़क बनाने से रोक दिया था। चीन का कहना है कि वह अपने इलाके में सड़क बना रहा है।

इस एरिया का भारत में नाम डोका ला है जबकि भूटान में इसे डोकलाम कहा जाता है। चीन दावा करता है कि ये उसके डोंगलांग रीजन का हिस्सा है। भारत-चीन का जम्मू-कश्मीर से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक 3488 km लंबा बॉर्डर है। इसका 220 km हिस्सा सिक्किम में आता है।

भारत ने चीन से कहा है कि चीन के सड़क बनाने से इलाके की मौजूदा स्थिति में अहम बदलाव आएगा इससे उसकी सिक्युरिटी के लिए ये गंभीर चिंता का विषय है। रोड लिंक से चीन को भारत पर एक बड़ी मिलिट्री एडवान्टेज हासिल होगी। इससे नॉर्थइस्टर्न स्टेट्स को भारत से जोड़ने वाला कॉरिडोर चीन की जद में आ जाएगा।